किसान आंदोलन का 5वां दिन: राशन-पानी के साथ किसानों ने की दिल्ली पर चढ़ाई
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जानें क्या है वजह...
बता दें कि केंद्र सरकार कृषि से जुड़े तीन कानून लेकर आई है। कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन-कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020। किसान इसे अपने लिए नुकसानदेह बता रहे हैं। इस आंदोलन में पंजाब, हरियाणा और यूपी के करीब 1 लाख किसानों के शामिल होने की बात कही जा रही है। किसान संगठनों का ने कहा है कि अब पुलिस जहां रोकेगी, वे वही बैठकर धरना देंगे। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट कर चुके हैं कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का फायदा नहीं मिलने की बात सरासर गलत है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा तो इन कानूनों को क्रांतिकारी कदम बता रहे हैं।
आंदोलित किसान दिल्ली में न घुस सकें, इसलिए पुलिस रास्तों पर पत्थर रख रही है।
किसानों ने दो टूक कह दिया है कि वे बुराड़ी नहीं जाएंगे। अब दिल्ली की घेराबंदी करने पांच एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे।
किसान आंदोलन के चलते हरियाणा और दिल्ली बार्डर पर अफरा-तफरी जैसी स्थिति है।
आंदोलन में महिलाएं भी शामिल हैं। वे आंदोलन को पीछे से सहायता कर रही हैं। आंदोलनकारियों को खाना-पीना मुहैया करा रही हैं।
आंदोलनकारी अपने साथ कई महीनों का राशन लेकर आए हैं।
देश में किसानों का यह अपने तरह का अलग आंदोलन है, जिसमें आंदोलनकारी प्रदर्शनस्थल पर खाना बना रहे और खा रहे हैं।