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PHOTOS: किसान आंदोलन की राह में सरकार ने बिछाये पत्थर, ठंड में मारीं 'ठंडे' पानी की बौछारें
नई दिल्ली. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से धरना-प्रदर्शन करते आ रहे पंजाब के किसान 26 से 28 नवंबर तक दिल्ली में हंगामा करने निकले, लेकिन उन्हें हरियाणा के बॉर्डर पर ही रोक लिया गया है। इस बीच आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच जबर्दस्त टकराव हुआ। किसानों ने पुलिस के बैरिकेड्स नदी फेंक दिए। वहीं, पुलिस ने आंदोलनकारियों को खदेड़ने पानी की बौछारें छोड़ीं और आंसू गैस के गोले दागे। प्रियंका गांधी ने इसे लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून के विरोध में किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। बहरहाल, आंदोलन के चलते हाईवे पर लंबा जाम लग गया। कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं। कइयों को परिवर्तित मार्ग से निकला गया। हालात को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पंजाब से हरियाणा आने पर भी रोक लगा दी है। हरियाणा पुलिस ने पंजाब से दिल्ली की तरफ आ रहे किसानों को रोकने नाकाबंदी कर दी है। जींद में दातासिंहवाला बॉर्डर और अम्बाला में देवीनगर और सद्दोपुर बॉर्डर पर कड़ी सिक्योरिटी है। वहीं, झज्जर-रेवाड़ी समेत कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। सोनीपत में कुंडली बॉर्डर पर भी ऐसे ही कड़े इंतजाम हैं। हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि किसी भी विकट स्थिति से निपटने केंद्र से रेपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की 5 कंपनियां बुलाई गई हैं। ये सिरसा, अम्बाला, जींद में पंजाब बॉर्डर और सोनीपत में दिल्ली बॉर्डर पर तैनात हैं। इसके अलावा पुलिस की 14 अतिरिक्त कंपनियां भी लगाई गई हैं। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
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जानें क्या है वजह...
बता दें कि केंद्र सरकार कृषि से जुड़े तीन कानून लेकर आई है। कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन-कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020। किसान इसे अपने लिए नुकसानदेह बता रहे हैं। इस आंदोलन में पंजाब, हरियाणा और यूपी के करीब 1 लाख किसानों के शामिल होने की बात कही जा रही है। किसान संगठनों का ने कहा है कि अब पुलिस जहां रोकेगी, वे वही बैठकर धरना देंगे। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट कर चुके हैं कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का फायदा नहीं मिलने की बात सरासर गलत है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा तो इन कानूनों को क्रांतिकारी कदम बता रहे हैं।
इस तरह दिल्ली में घुसने की कोशिश करते रहे आंदोलित किसान।
किसानों के आंदोलन के चलते दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर लंबा जाम लगा रहा।
कई जगह पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच झड़प हुई।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने किसानों ने आंदोलन वापस लेने की मांग की है। बता दें कि किसानों ने पहले ही दिल्ली कूच का ऐलान किया था।
हाईवे पर पुलिस ने बड़े-बड़े पत्थर रखकर रास्ता रोक रखा था, ताकि किसानों की गाड़ियां हरियाणा से होते हुए दिल्ली तक नहीं पहुंच सकें।
आंदोलनकारियों को काबू में करने बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।
पुलिस ड्रोन से माहौल पर नजर रखे हुए है, ताकि किसी भी विकट परिस्थित को काबू में किया जा सके।
हरियाणा में जगह-जगह किसान सड़कों पर बैठे हुए हैं।
इस तरह पत्थर रखकर हाईवे जाम किए गए हैं, ताकि किसान दिल्ली नहीं पहुंच सकें।
आंदोलनकारियों को रोकने पुलिस ने पानी की बौछारें छोड़ीं और आंसू गैस के गोले दागे।
कुछ जगहों पर पुलिस को लाठी चार्ज करके आंदोलनकारियों को खदेड़ना पड़ा।
योगेंद्र यादव को दिल्ली-जयपुर हाईवे पर रोक दिया गया।
हरियाणा बार्डर पर जगह-जगह आंदोलनकारी जमे हुए हैं।
पुलिस ने बड़ी संख्या में किसान नेताओं को गिरफ्तार किया है।
किसानों के आंदोलन को देखते हुए हरियाणा और दिल्ली में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।