कृषि बिलों के विरोध में किसानों का देशव्यापी आंदोलन, लेकिन असर सिर्फ पंजाब तक सिमटा
चंडीगढ़. कृषि बिलों के विरोध में शुक्रवार को देशव्यापी आंदोलन का सबसे ज्यादा असर पंजाब में देखने को मिल रहा है। इसके बाद हरियाणा में भी कुछ असर दिखाई दिया। बिहार में इलेक्शन के चलते आंदोलन का असर देखा गया। बाकी राज्यों में छुटपुट प्रदर्शन के अलावा कोई बड़ा आंदोलन सामने नहीं आया। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि बिलों के विरोध में किसानों ने पंजाब को तीन दिन के लिए बंद रखने का ऐलान किया है। उन्होंने साफ कह दिया कि वह इन विधेयकों को किसी भी सूरत में नहीं मानेंगे। वह सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड सड़कों पर उतर आए हैं। अकेले पंजाब में 31 किसान संगठनों ने बंद का आह्वान किया था। इस दौरान बाजार, मंडी, ट्रक व बसें आदि बंद रहेंगी। मेडिकल सेवाएं सामान्य रहेंगी। बता दें कि किसान समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) खत्म होने की आशंका से डरे हैं। सरकार ने कृषि उपज मंडी समिति (Agricultural produce market committee) यानी मंडी से बाहर भी फसल बेचने की अनुमति दी है। देखें कुछ दिनों से चल रहे प्रदर्शन की तस्वीरें...
- FB
- TW
- Linkdin
यह तस्वीर अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के बैनतर तेल जंडियाला गुरु के पास देवीदासपुरा रेलवे फाटक की है। यहां टेंट लगाकर किसान लेटे हुए हैं।
यह तस्वीर बिहार की है। यहां बिल का विरोध करने राजद नेता तेजस्वी यादव खुद ट्रैक्टर चलाकर निकले।
यह तस्वीर राजस्थान के श्रीगंगानगर की है। यहां पंजाब बार्डर पर किसानों ने चक्का जाम किया।
यह तस्वीर जालंधर की है। यहां भारत बंद के तहत किसान पटरियों पर लेट गए।
यह तस्वीर यूपी की है। यहां लखनऊ, बाराबंकी, शामली और मेरठ सहित कई बड़े शहरों में किसानों ने प्रदर्शन किया।
यह तस्वीर हरियाणा की है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने आह्वान किया है कि किसान विरोधी बिल को मंजूर नहीं किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि बिल लागू नहीं होने देंगे।
यह तस्वीर पंजाब की है। यहां फिरोजपुर, पटियाला, बरनाला, अमृतसर सहित तमाम बड़े शहरों में किसान रेलवे ट्रैक और सड़कों पर टेंट लगाकर धरने पर बैठे हैं।
किसान यूनियन के आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने 24 से 26 सितंबर तक पंजाब में रेल परिचालन ठप कर दिया गया है।
अमृतसर, फिरोजपुर जिलों में किसान रेलवे ट्रैक पर ही धरने पर बैठ गए, जिसके चलते दिल्ली की ओर आने-जाने वाली गाड़ियों पर असर पड़ा है। बता दें कि 24 से 26 सितंबर तक कोई भी यात्री व पार्सल ट्रेन पंजाब नहीं जाएगी। ट्रेनों को अम्बाला कैंट, सहारनपुर और दिल्ली स्टेशन पर टर्मिनेट किया जाएगा।
किसानों ने तो खसम खा ली है कि जब तक यह बिल वापस नहीं ले लेती मोदी सरकार, वह रेल की पटरियों से नहीं उठेंगे।
मोदी सरकार के खिलाफ किसानों में इतना गुस्सा है कि वह अपनी ही फसल सड़कों पर फेंक रहे हैं।
यह तस्वीर अमृतसर के रेलवे स्टेशन की है, जहां आंदोलनकारी किसानों ने धूप से बचने के लिए लाठियों और रस्सियों की मदद से रेलवे ट्रैक के ऊपर टेंट तान लिया है।