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राजस्थान में ये नहीं देखा तो क्या देखाः मकर संक्रांति पर CM योगी से लेकर PM मोदी तक आसमान में उड़ते आएंगे नजर
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जयपुर शहर स्थित हांडी पुरा में नेताओं की स्पेशल पतंगे बनती हैं। जिन्हें लेने के लिए एडवांस में बुकिंग होती है और बुकिंग के अनुसार ही यह पतंगे तैयार की जाती है।
हर साल इन पतंगों की बिक्री लगातार बढ़ रही है। इस बार भी हांडी पुरा के 3 पतंग साज ने इस तरह की करीब 300 पतंगे बनाई हैं जिन्हें बेच भी दिया गया है ।
जयपुर की पतंगबाजी के लिए जयपुर के करीब 70 फ़ीसदी होटल बुक है। इसके अलावा जयपुर के जल महल में शर्तों पर पतंगे लड़ाने के लिए तैयारियां कर ली गई है।
हंदीपुरा में 50 साल से पतंगबाजी की दुकान सजा रहे मोहम्मद अयूब का कहना है कि हम चौथी पीढ़ी हैं जो पतंगे बेच रहे हैं और बना रहे हैं।
पतंग बनाने वाले मो. अयूब ने बताया कि पतंगबाजी में पिछले सालों की तुलना में महंगाई बढ़ी है। सबसे कम 6 से ₹7 की पतंग है और सबसे बड़ी पतंग करीब 350 रुपए की बिक रही है।
नेताओं वाली पतंग के लिए डिमांड पर बना धागा।
यह 350 की पतंग नेताओं की पतंग है। जिसे उड़ाने के लिए विशेष प्रकार की डोर उपलब्ध रहती है। इस डोर की भी डिमांड पर ही सप्लाई की जाती है।
सालों से पतंग बनाने का अनुभव रखने वाले अयूब का कहना है कि बाजार में 400 रुपए से लेकर 1200 रुपए तक मांझे की चरखिया है।
मांझे की जांच करते कस्टमर।
मोहम्मद अयूब ने बताया कि मांझे को खरीदने से पहले उसको जांचना और परखना जरूरी है, क्योंकि नकली माल भी बड़ी मात्रा में बाजार में है।
अयूब ने बताया कि जयपुर की पतंगे राजस्थान ही नहीं गुजरात, कोलकाता समेत अन्य राज्यों में भी सप्लाई की जाती है । जयपुर में करीब 250 दुकानें ऐसी हैं जो 12 महीने तक पतंगों का कारोबार करते हैं।
जयपुर के बाजारों में इस बार प्लास्टिक की पतंगे ज्यादा डिमांड पर हैं। वह पतंगे कागज की पतंगों से सस्ती है । सबसे बड़ी बात यह है कि बाजार में मौत का मांझा भी खुलेआम बिक रहा है।