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Google इस शख्स को एक महीने में देता है करोड़ों रुपए, जानें कैसी जिंदगी जीते हैं गूगल के सीईओ
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चेन्नई में 1972 में जन्में सुंदराजन को आज पूरी दुनिया सुंदर पिचाई के नाम से जानती हैं। उन्होंने अपनी बैचलर डिग्री आईआईटी, खड़गपुर से ली है। उन्होंने अपने बैच में सिल्वर मेडल भी हासिल किया था।
साल 2019 में ही Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने Google की पैरेंट कंपनी Alphabet की बागडोर संभाली है। ऐसे में पिचाई पर काम और कंपनी को संभालने का बहुत प्रेशर होता है, इसलिए कंपनी उन्हें उस हिसाब से सैलरी भी देती है।
वे हमेशा से ही इतने अमीर नहीं थे। आर्थिक तंगी में सुंदर पिचाई 1995 में स्टैनफोर्ड में बतौर पेइंग गेस्ट रहते थे। पैसे बचाने के लिए उन्हें पुरानी चीजें इस्तेमाल करनी पड़ती थी। लेकिन उन्होंने कभी पढ़ाई से समझौता नहीं किया। वे पीएचडी करना चाहते थे लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उन्हें बतौर प्रोडक्ट मैनेजर अप्लायड मटीरियल्स इंक में नौकरी करनी पड़ी।
इसके बाद उन्होंने 1 अप्रैल 2004 को गूगल ज्वाइन किया। उस समय वे प्रोडक्ट और इनोवेशन ऑफिसर थे। अपने काम के दौरान सुंदर ने सुझाव दिया कि गूगल को अपना ब्राउजर लांच करना चाहिए।
इसी एक आइडिया से वे गूगल के संस्थापक लैरी पेज की नजरों में हिट हो गए। 2008 से लेकर 2013 के दौरान सुंदर पिचाई ने ही क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम की सफल लांचिंग करवाई और उसके बाद एंड्रॉइड मार्केट प्लेस से उनका नाम दुनियाभर छा गया।
अमेरिका की दिग्गज तकनीक कंपनी अल्फाबेट ने 2019 में सुंदर पिचाई को सीईओ बनाया। इस साल उन्हें 28.1 करोड़ डॉलर या 2,144.53 करोड़ रुपये की सैलरी मिली थी। हालांकि इसके बाद उनका वेतन 28 करोड़ डॉलर से अधिक हो गया है।
इतना पैसा कमाने के बाद भी वो बहुत साधारण जिंदगी जीते हैं। हालांकि वह हमेशा ही एक अच्छी मॉर्निंग रूटीन को फॉलो करते हैं। यही कारण है कि वह 48 की उम्र में भी काफी फिट दिखते हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि वह रोजाना सुबह 6:30 से 7 बजे के बीच में उठते हैं। उनका ऐसा मानना है कि सुबह उठने से वह काम के दौरान फ्रेश और एक्टिव महसूस करते हैं। इसके अलावा सुबह उठने से स्ट्रेस, डिप्रेशन या मोटापा जैसी समस्या भी नहीं होती है। उन्होंने ने बताया की वो सुबह कोई एक्सरसाइज नहीं करते इसके बदले वो शाम में थोड़ी एक्सरसाइज करते हैं।
सुंदर पिचाई रोजाना सुबह किताब या पेपर पढ़ते हैं। उनका कहना है कि पढ़ना आपके दिमाग के लिए एक एक्सरसाइज की तरह होता है, जो दिमागी शक्ति को बढ़ाता है। साथ ही किताब या पेपर पढ़ने से आपका ब्रेन एक्टिव रहता है और चिंता और तनाव को कम करने में मदद करता है। उन्होंने बताया की ऑनलाइन न्यूज पढ़ने के बजाए वह अखबार पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं।