सामने आई गर्दन में अपनी नुकीले दांत गड़ाकर खून पीने वाली दुनिया की पहली फीमेल वैम्पायर
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कब्र में मिले फीमेल वैम्पायर कंकाल की गर्दन को दरांती यान हंसिये(Sickle) से यूं फंसाकर रखा गया था कि अगर महिला कब्र से उठे, तो उसकी गर्दन कट जाए। यानी लोगों को डर था कि ये महिला मरने के बाद भी जिंदा हो सकती है।
अमेरिका के वॉशिंग्टन डीसी स्थित स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन के आफिसियल जर्नल(Smithsonian Magazine) के अनुसार, 11वीं सदी में यूरोप के लोग वैंपायरों से बहुत खौफ खाते थे। यहां तक कि वो अपने मृतक परिजनों-रिश्तेदारों की की कब्रों पर वैंपायर को भगाने वाले पूजा-पाठ करते थे।
11वीं सदी के लोग मानते थे कि वैंपायर्स मरने के बाद भी वापस आकर खून पीने के लिए इंसानों को मार सकते हैं। इसलिए वैम्पायर को कब्र में दफन करते वक्त गर्दन के चारों तरफ दरांती फंसा दी जाती थी।
ऐसी परंपरा वर्षों तक चलती रही। प्रोफेसर पोलिंस्की ने कहा कि दरांतियां हाथ-पैर तक में फंसा दी जाती थीं। साथ ही शवों को उल्टा दफनाया जाता था। ताकि वैम्पायर जागें, तो उन्हें मिट्टी ही खाने को मिले। उन्हें कब्र में ही जला दिया जाता था।
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वैम्पायर को कब्र में पत्थरों से दबाकर मार दिया जाता था। पोलैंड में ऐसी कई कब्रें मिली हैं। वैंपायरों को रोकने के लिए कंकाल तक में कीलें ठोंक दी जाती थीं, ताकि वो उठ न सकें।