ये हैं Prayagraj के वो घाट जो आपको अपनी ओर करेंगे आकर्षित
नई दिल्ली। भारत के पवित्र नदियों के संगम तट पर बसा Prayagraj जिसे भगवान शंकर की नगरी भी कहा जाता है। वहां पर कई ऐसे घाट हैं जिनपर आपको शाम के वक्त काफी रौनक देखने को मिलती है। सबसे ज्यादा ये रौनक आपको कुंभ के समय दिखाई देगी। हर तरफ बम-बम भोले के जयकारे और आस्था में डूबे लोग। कहते हैं जो भी इस नगरी में आता है वो यही बस जाने का मन बना लेता है। हर साल यहां मेले का आयोजन किया जाता है। दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए आते। लेकिन आज हम आपको यहां के मेलो के बारे में नहीं बल्कि यहां के कुछ ऐसे प्रसिद्ध घाटों के बारे में जानकारी देगें जिनको शायद आपने ना देखा हो।
| Published : Oct 27 2021, 11:43 PM IST
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सरस्वती घाट
मां सरस्वती के नाम पर रखा गया यह घाट प्रयागराज का सबसे प्रसिद्ध टूरिस्ट पॉइंट है। शाम के समय यहां अक्सर लोग घूमने आते हैं। इसकी खास बात ये है कि, ये घाट भगवान शिव के मनकामेश्वर मंदिर के पास है। जहां सावन के मौके पर भारी भीड़ देखने को मिलती है। अगर आप चाहें तो इस घाट को नाव की मदद से घूम सकते हैं। नाव वाला आपको इसके आस-पास की जगाहों को भी अच्छे से घूमा देगा। पास ही अकबर का किला स्थित है, जिसकी रौशनी शाम के समय नदी पर पड़ती है। जिसके बाद घाट और भी खूबसूरत लगने लगता है।
अरैला घाट
नैनी इलाके में स्थित इस घाट को कुछ समय पहले ही तैयार किया गया है। इस घाट पर शाम वक्त आपको सबसे ज्यादा कपल्स और बैचलर्स लोग देखने को मिलेगे। इसके पास ही भगवन शिव का सोमेश्वर माहादेव मंदिर भी स्थित है, जहां शाम के समय में लोग दर्शन करने जाते हैं। कुंभ मेले के दौरान लोग इस घाट पर गंगा नदी में स्नान करने के लिए जाते हैं। घाट के किनारे बनी सीढ़ियों पर आप आराम से बैठकर मौसम का मजा उठा सकते हैं।
संगम घाट
प्रयागराज के सबसे प्रसिद्ध घाटो में से एक है संगम घाट। आप प्रयागराज आए और यहां स्नान किए बिना चले गए तो आपका प्रयागराज आना व्यर्थ हो जाता है। वो इसलिए क्योंकि यहां पर धरती की 3 सबसे पवित्र नदियों का का संगम होता है। जिसके कारण यहां का नाम प्रयागराज रखा गया है। कहा जाता है कि इस घाट पर स्नान करके इंसान सभी पाप से मुक्त हो जाता है और उसे सीधा मोक्ष मिलता है। इस घाट के आस-पास ही हर 12 साल पर महा कुंभ और हर 6 साल पर अर्ध कुंभ का आयोजन किया जाता है। इस घाट पर सूर्योदय और सूर्यास्त का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।
बरगद घाट
यमुना नदी के किनारे बना बरगद घाट प्रयागराज की शांत जगहों में से एक है। यहां और घाटों की तरह भीड़भाड़ कम दिखाई देती है। इसलिए लोग यहां आते हैं, और सूकुन से बैठकर मन की शांति पाते हैं। यह घाट एक बरगद के पुराने पेड़ के पास बना हुआ है। मेन शहर से दूर होने के कारण यहां ज्यादा लोग नहीं जाते हैं, जिस कारण आपको बहुत शांत माहौल देखने को मिल जाता है।
बलुआ घाट
बलुआ घाट मुट्ठी गंज के पास यमुना नदी के किनारे स्थित है। इस घाट का नाम बलुआ घाट इस कारण पड़ा क्योंकि इस जगह पर बेहतर तरह की बालू पाई जाती है। इस घाट को 1899 में बनवाया गया था, जिसे लाला मनोहर दास की याद में बनवाया गया था। यहीं से थोड़ी दूर पर बलुआ ब्रिज बना हुआ है आप वहां भी जाकर अपनी शाम बिता सकते है।