3 घंटे पहले ही पैदा हुई थी बच्ची, आतंकियों ने उतार दी 2 गोलियां, लेकिन हुआ चमत्कार
- FB
- TW
- Linkdin
पैदा होने के सिर्फ 3 घंटे के बाद ही आतंकवादियों ने इस बच्ची के पैरों में दो गोली मारी, बावजूद बच्ची का बाल बांका भी नहीं हुआ। बाद में ऑपरेशन कर के बच्ची को बचा लिया गया।
मंगलवार की सुबह 3 आतंकवादी पुलिस के यूनिफॉर्म में अस्पताल में दाखिल हुए और उन्होंने ग्रेनेड फेंकने के बाद अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
अचानक हुए इस हमले में नवजात बच्चों सहित 15 पुरुषों, महिलाएं और नर्सों की जान चली गई। बाद में आतंकवादी भी मारे गए।
बाद में नवजातों को इलाज के लिए काबुल के इंदिरा गांधी चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल में ले जाया गया। वहीं उस बच्ची का ऑपरेशन हुआ, जिसके पैर में दो गोलियां लगी थीं।
कुछ नवजातों को इलाज के लिए काबुल के फ्रेंच मेडिकल इंस्टीट्यूट फॉर चिल्ड्रन में ले जाया गया।
एक अफगानी महिला फिरोजा यूनिस ओमार ने करीब 20 नवजात शिशुओं को ब्रेस्टफीडिंग कराने की जिम्मेदारी ली, जिनकी मां की मौत हो गई थी। यह महिला डॉक्टर्स विदाउड बॉर्डर मैटरनिटी यूनिट के साथ जुड़ कर काम करती हैं।
यह महिला अफगानिस्तान के इकोनॉमिक मिनिस्ट्री में काम करती हैं। इनका खुद का बच्चा 14 महीने का है। इन्होंने भी कुछ ऐसे बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराने की जिम्मेदारी ली है, जिनकी मां की आतंकी हमले में मौत हो गई है।
एक नर्स आतंकी हमले में बच गए नवजात की देखभाल कर रही है। इस हमले के बाद कुछ बच्चों को काबुल के अतातुर्क हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया तो कुछ को इंदिरा गांधी चिल्ड्र्रन्स हॉस्पिटल में भेजा गया।
एक मां काबुल के अतातुर्क हॉस्पिटल में अपने नवजात बच्चे को दूध पिला रही है।
करीब 15 नवजात बच्चों की मां आतंकी हमले में मारी गईं। बुधवार को उनके परिवार वाले उनके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए बैठे हैं। एक मां जो अपने बच्चे के साथ हमले में बच गई, उसे दूध पिला रही है।