खुलासा: चीन ने ऐसे फैलाया कोरोना
हटके डेस्क: दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड़ रही है। इस जानलेवा वायरस ने दुनिया के लगभग सभी देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 41 लाख पार कर चुकी है जबकि मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। इस वायरस की शुरुआत चीन से हुई थी। चीन का कहना है कि ये वायरस वुहान के मीट मार्केट से दिसंबर में फैला था। लेकिन ऐसे कई सबूत सामने आ चुके हैं, जिन्होंने ये साफ़ कर दिया कि चीन ने कोरोना को लेकर दुनिया से काफी झूठ बोला है। कई चीजें छिपाई गई है और अभी भी ऐसे कई राज हैं, जो सिर्फ चीन को ही पता है। अब चीन के एक और झूठ से पर्दा हटाते हुए नई खबर सामने आई है। चीन को कोरोना के बारे में पिछले साल मार्च में ही चेतावनी दी जा चुकी थी। साथ ही इस वायरस का पहला मरीज दिसंबर नहीं, बल्कि सितंबर में ही चीन के वुहान एयरपोर्ट पर मिला था। चीन ने इसी बीच एक टूर्नामनेट का आयोजन किया गया, जिमें दुनिया भर से आए 10 हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। ऐसा कहा जा रहा है कि इन खिलाड़ियों को चीन में ही कोरोना हुआ और उन्होंने वापस अपने देश जाकर इस वायरस को फैलाया। ऐसे में अब सवाल उठता है कि चीन ने दुनिया से आखिर झूठ क्यों बोला?
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चीन ने कोरोना को लेकर दुनिया को अभी भी काफी अंधेरे में रखा है। चीन ने दुनिया को इस वायरस की जानकारी पहले नहीं दी। नतीजा हुआ कि लोग इस वायरस से संक्रमित होकर दुनिया के कई हिस्सों में गए और वहां इस संक्रमण को फैला दिया।
लेटेस्ट जानकारी के मुताबिक, चीन में कोरोना का पहला मरीज 18 सितंबर को ही मिल गया था। वुहान के तिन्हे एयरपोर्ट पर एक यात्री को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जब स्टाफ उसके इलाज के लिए पहुंचे तो उन्होंने प्रोटेक्टिव मास्क पहना था। इसका मतलब है कि वो जानते थे कि ये कोरोना है। और इससे बचाव के लिए मास्क पहनना जरुरी है।
स्टेट मीडिया एजेंसी के एक जर्नलिस्ट ने खुलासा किया कि उस समय मेडिकल स्टाफ ने वुहान फर्स्ट ऐड सेंटर को रिपोर्ट किया था कि ये मरीज कोरोनावायरस से संक्रमित है।
एजेंसी ने अपने खुलासे में बताया कि ये टेस्ट एक ड्रिल था, जो इसके अगले महीने होने वाले वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स को लेकर था। यानी चीन ने इस गेम में हिस्सा लेने आने वाले खिलाड़ियों के जरिये कोरोना फैलाने की साजिश रची थी।
वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में हिस्सा लेने के लिए दुनिया से 10 हजार खिलाडी चीन पहुंचे थे। हाल ही में ये खुलासा भी हुआ कि फ्रेंच खिलाड़ियों को इस वायरस ने अपनी चपेट में इन गेम्स के दौरान ही ले लिया था। उनमें कोरोना के लक्षण दिखने लगे थे। इसके बाद वो वापस अपने देश लौटे और वहां संक्रमण फैलाया।
इन गेम्स में हिस्सा लेने आए कई देशों के खिलाड़ी टूर्नामनेट के दौरान ही गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। चीन ने तब कोरोना का नाम भी नहीं लिया। ये सारे खिलाड़ी वापस अपने देश गए और संक्रमण इस तरह फेल गया।
11 मिलियन जनसंख्या वाले वुहान से इस इवेंट के बाद 7 हजार 530 फ्लाइट्स ने उड़ान भरी। इन फ्लाइट्स के जरिये चीन ने दुनिया में तेजी से कोरोना फैला दिया।
20 जनवरी तक चीन ने ये बात नहीं मानी कि ये वायरस इंसान से इंसान में फैलता है। साथ ही बाहर के किसी भी एक्सपर्ट को चीन ने इस वायरस की जाँच नहीं करने दी।
यूके के डेली मेल ने ये भी खुलासा किया कि चीन की बैट वुमन के मशहूर शी ज़हेग्ली ने पिछले साल मार्च में ही एक आर्टिकल लिखा था, जिसमें उन्होंने चमगादड़ खाने पर रोक लगाने की बात कही थी।
इस आर्टिकल में साफ़ लिखा था कि अगर चमगादड़ खाया जाता रहा, तो इंसानों में एक जानलेवा वायरस फैलने की संभावना है। बता दें कि बैट वुमन वही महिला है जिसने ये साबित किया कि कोरोना चमगादड़ का मांस खाने से इंसान में फैला। इसी महिला ने बताया था कि 2002 में फैला सार्स इंसानों में बिल्ली के मांस से फैला था।