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17 साल की लड़की ने करवाया ट्वीट, तुरंत इलाज नहीं मिला, तो बहुत देर हो जाएगी...सामने आई चौंकाने वाली कहानी
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इस लड़की का विर्क हॉस्पिटल में सफल ऑपरेशन हुआ। लड़की ने सोनू सूद को धन्यवाद दिया। लड़की ने कहा कि उसने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि कोई उसकी मदद करेगा। आगे पढ़ें इसी लड़की कहानी...
इस लड़की की मदद के लिए एक ट्विटर यूजर ने सोनू सूद को यह ट्वीट किया था। इसके रिप्लाई में सोनू सूद ने लिखा था। बता दें कि सोनू सूद को लोग भगवान की तरह पूजने लगे हैं। हाल में तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले के डुब्बा टांडा गांव में लोगों ने सोनू सूद का मंदिर बनवाया है। इसे 20 दिसंबर को आम लोगों के लिए खोल दिया गया। आगे पढ़ें सोनू सूद की मदद से जुड़ीं कुछ अन्य कहानियां...
यह मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर की रहने वाली 20 वर्षीय योगमाया साहू से जुड़ा है। बिलाईगढ़ के धोबनी गांव की रहने वालीं योगमाया को टीबी था। सोनू सूद की मदद से रायपुर के ओम हास्पिटल में में डॉ. कमलेश अग्रवाल की देखरेख में उनका इलाज चला।
करनाल, हरियाणा. यह हैं छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले अमन। ये पिछले 12 साल से सिर की नसों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। सूद की मदद से करनाल के विर्क अस्पताल में उनका नि:शुल्क ऑपरेशन किया गया।
झारखंड के धनबाद की रहने वालीं सोनामुखी और उनकी तरह 50 लड़कियों की लॉकडाउन में नौकरी जाती रही। सोनू सूद की मदद से सबको नौकरी मिली।
यह है यूपी के अलीगढ़ का रहने वाला मासूम विराज। इसकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर बीमारी थी। इनके पिता सुमित गरीबी में जी रहे हैं। विराज की मां दीपिका और सुमित ने सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई। अक्टूबर में हरियाणा के करनाल स्थित विर्क अस्पताल में उसकी नि:शुल्क सर्जरी हुई।
सोनू सूद की बदौलत मुंबई के उपनगर ठाणे के 23 वर्षीय होनहार फुटबालर अर्जुन को करनाल के एक हास्पिटल में जिंदगी जीने का दुबारा मौका मिल गया। फरवरी में हुए एक एक्सीडेंट में अर्जुन के घुटनों को चोट पहुंची थी। इसके इलाज पर 3 लाख रुपए से ज्यादा का खर्चा सोनू सूद ने उठाया। इनका ऑपरेशन हरियाणा के करनाल स्थित एक हॉस्पिटल में किया गया था।
यह हैं मध्य प्रदेश के देवास के रहने वाले दीपेश गिरी। ये फरवरी को बाइक से इंदौर से कैलादेवी जा रहे थे, तभी एक्सीडेंट में वे घायल हो गए। इलाज के दौरान उनका पैर काटना पड़ा। एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले विजय के पास इतनी जमापूंजी नहीं थी कि वो कृत्रिम पैर लगवाने पर पैसा खर्च कर सकें। सोनू सूद की मदद से उन्हें कृत्रिम पैर लग गया।
यह हैं झारखंड के रांची की रहने वालीं 13 साल की सरिता उरांव। ये पिछले 7 साल से भूलने की बीमारी डिमेंशिया से पीड़ित हैं। इस स्थिति में गरीब मां-बाप को उन्हें रस्सी से बांधकर रखना पड़ता था। अब सोनू सूद की मदद से उनका इलाज चल रहा है।
यह हैं छत्तीसगढ़ के बीजापुर की रहने वालीं अंजली। बारिश में इनका कच्चा मकान ढह गया था। इसमें अंजली की कॉपी-किताबें तक खराब हो गईं। सोनू सूद का जब इसका पता चला, तो उन्होंने अंजली की मदद की।