समुद्र में मछली पकड़ने गया था शख्स, अचानक जाल में फंसा 'दैत्य', देखते ही फटी रह गई आंखें
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इस दैत्याकार मछली को देख कर सभी हैरत में हैं। फॉकनर का कहना है कि अपने पूरे करियर में उन्होंने ऐसी मछली नहीं देखी।
काफी जद्दोजहद के बाद फॉकनर इस मछली को पकड़ने में सफल हो सके। करीब 20 मिनट तक जूझने के बाद उन्होंने मछली को काबू किया और बोट पर लेकर आए।
कोरोनावायरस महामारी में उनका काम बंद था। इसी हफ्ते वे अपनी इस बोट से साउथ-ईस्ट क्वीन्सलैंड के रेनबो में मछली पकड़ने के लिए निकले।
समुद्र की गहराई में तैरती रेड एम्परर मछली। पहली बार इसे साल 1962 में पकड़ा गया था। इस प्रजाति की मछलियां कम ही मिलती हैं।
रेड एम्परर मछली की काफी करीब से ली गई फोटो। यह मछली देखने में बहुत ही भयानक लगती है।
साउथ-ईस्ट क्वीन्सलैंड के रेनबो में मछली पकड़ने के लिए बोट पर प्रोफेशनल मछुआरे जाते हैं। यहां कई किस्म की मछलियां मिलती हैं, जिनकी काफी डिमांड है।
आम तौर पर मछुआरों को कई बार काफी बड़ी मछलियां मिल जाती हैं, लेकिन रेड एम्परर का मिलना अपने आप में एक खास बात है।
दैत्याकार रेड एम्परर को काबू में करने के बाद उसे पकड़े हुए फॉकनर।
क्वींसलैंड के समुद्र में ऐसी बड़ी मछलियां अक्सर मिल जाया करती हैं। इनका वजन 8 किलोग्रामसे लेकर 12 किलोग्राम तक होता है।
क्वींसलैंड के समुद्र में प्रोफेशनल मछुआरों के अलावा शौकिया तौर पर फिशिंग करने भी लोग जाते हैं। कई बार उन्हें भी कोई बड़ी मछली हाथ लग जाती है।