टल तो गई 29 अप्रैल की तबाही, बच गई लोगों की जान, लेकिन 5 मई को आसमान से फिर बरसेंगे अंगारे
हटके डेस्क: दुनिया में कोरोना का कहर टूट पड़ा है। चंद महीनों में इस वायरस ने तबाही मचा दी है। इस वायरस की शुरुआत चीन के वुहान से हुई लेकिन अब इसने दुनिया के लगभग हर देश को अपनी चपेट में ले लिया है। इस बीच अचानक नासा ने चेतावनी दी कि एक बहुत बड़ा उल्कापिंड पृत्वी की तरफ तेजी से गिरने वाला है। 29 अप्रैल को ये उल्कापिंड पृथ्वी के नजदीक से गुजर गया। इस उल्कापिंड को लेकर कहा गया कि पृथ्वी को तबाह कर देगा। लेकिन ये तभी तो टल गई। उल्कापिंड पृथ्वी के पास से ही गुजर गया। लेकिन अब मंगलवार को आसमान में ऐसा नजारा देखने को मिलेगा जो आपका दिल जीत लेगा। इसे एटा एक्वारीड नाम दिया गया है। इस दौरान हर घंटे दर्जनों उल्कापिंड आसमान से गिरेंगे। सबसे अच्छी बात ये है कि ये नजरा दुनिया के कई हिस्सों से नजर आएगा।
| Published : May 03 2020, 04:17 PM IST / Updated: May 04 2020, 10:09 AM IST
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हैली धूमकेतु से छोड़े गए मलबों को ही एटा Aquariid उनाम दिया गया है। वैसे तो ये दक्षिणी गोलार्ध में सबसे अच्छा देखा जाता है लेकिन इस बार इसे पृथ्वी के अधिकांश भाग में देखा जा सकेगा।
खगोलविदों का कहना है कि मंगलवार यानी 5 मई को ये अपने चरम पर होगा। यहां प्रति घंटे 40 शूटिंग स्टार्स गिरेंगे।
एटा Aquariids हैली के धूमकेतु द्वारा छोड़े गए मलबे से बनती हैं और हर साल अप्रैल के मध्य से मई के अंत तक इसे देखा जाता है।
इस बार इसे पृथ्वी के कई हिस्सों से नंगे आँखों से देखा जा सकेगा। जहां रात को हर घण्टे चालीस से ज्यादा उल्कापिंड गिरेंगे। इससे आसमान में सितारों की बारिश नजर आएगी।
एस्ट्रोनॉमर्स ने कहा कि आपको इस नज़ारे को देखने के लिए बस अपने घर के छत जाने की जरुरत है। बिना किसी टेलिस्कोप के भी ये नजारा देखा जा सकेगा।
उत्तरी अक्षांश के मध्य के लोगों के लिए ये आकाश में बहुत अधिक नहीं चमकेगा। अधिक चमक दक्षिणी क्षितिज पर लोग देख पाएंगे।
नासा के एस्ट्रोलॉजर्स के मुताबिक़, बेहतरीन नज़ारे के लिए आपको स्ट्रीट लाइट से दूर रहकर इसे देखना होगा। इस दौरान चांद भी चरम पर चमकेगा।
बता दें कि उल्कापिंड आसमान से 1 लाख 48 हजार मील प्रति घंटे से गिरती है। इस तेजी के कारण ही ये इतना चमकता है।
5 मई को ये नजारा सबसे साफ़ ऑस्ट्रेलिया में देखने को मिलेगा। मेलबर्न यूनिवर्सिटी के क्लेयर कैन्यॉन के मुताबिक साफ़ आसमान में ये नजारा आसानी से देखा जा सकेगा। भारत में भी कई इलाकों में इसे देखा जा सकता है।