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नई मुसीबत: हाथों में रैशेज, जीभ पर छाले से पेट में दर्द तक...कोरोना के बीच बच्चों में दिखे ये नए लक्षण
लंदन. कोरोना वायरस सा कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक 2.11 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, ब्रिटेन में कोरोना के बीच एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। यहां नेशनल हेल्थ सर्विस ने एक अर्जंट अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि यहां अचानक आईसीयू में भर्ती करने वाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इन बच्चों में दिल में सूजन, पेट में दर्द, उल्टी और डायरिया जैसे लक्षण हैं। इसे इनफ्लेमेट्री सिंड्रोम कहा गया है। ऐसे लक्षणों वाले कुछ बच्चों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। ऐसे में इन लक्षणों का संबंध कोरोना वायरस से माना जा रहा है।
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एनएचएस ने अपने अलर्ट में कहा है, यह चिंता की बात है कि ब्रिटेन में बच्चों में कोरोना संबंधित लक्षण दिख रहे हैं। ब्रिटेन में पिछले तीन हफ्तों में सभी उम्र वर्ग के बच्चों में ऐसे लक्षण दिखे हैं। इन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों में कुछ में कोरोना पॉजिटिव मिला है। वहीं, कुछ में निगेटिव आया है।
डॉक्टर्स अभी भी इस बीमारी को लेकर परेशानी में हैं। हालांकि, इसकी तुलना कावासाकी बीमारी से की जा रही है। इस बीमारी में शरीर के अंदर के हिस्सों में सूजन आ जाती है। इसके ज्यादातर मामले 5 साल से कम उम्र के बच्चों में सामने आते हैं।
इस बीमारी में बुखार भी आता है। इसके अलावा सांस लेने में तकलीफ होती है। लगभग ऐसे ही लक्षण कोरोना के हैं। ऐसे में डॉक्टर्स अभी भी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचे हैं। वहीं, बच्चों में स्किन पर चकत्ते दिखना, हाथों में सूजन होना, आंखों में लालिमा दिखना और गले में सूजन होना जैसे लक्षण दिख रहे हैं।
हालांकि, एनएचएस ने अभी इस बारे में जानकारी नहीं दी है कि इस बीमारी से कितने बच्चे संक्रमित हैं या कितनी की मौत हुई है। एनएचएस ने बताया, पिछले 3 हफ्तों में ऐसे मामले आना शुरू हुए हैं। ब्रिटेन में यह बीमारी ऐसे वक्त में आई, जब महामारी अपने चरम पर है।
ब्रिटेन में कोरोना वायरस के अब तक 1.5 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं, 20,732 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां हर रोज करीब 300-400 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्पेन और इटली में भी ऐसे ही मामले सामने आए हैं।
उधर, एनएचएस प्रमुख ने कहा है कि यह गंभीर विषय है। इस मामले में ब्रिटेन ने जांच शुरू कर दी है। डॉक्टरों ने इसे लेकर हाल ही में अलर्ट जारी किया है।
चीफ मेडिकल ऑफिसर प्रोफेसर क्रिस विट्टी ने कहा, इसकी काफी संभावना है कि यह मामले कोरोना वायरस से जुडे़ हो सकते हैं।
कोरोना वायरस से अब तक दुनिया में ज्यादा बच्चे प्रभावित नहीं हुए हैं। वहीं, इस बीमारी ने ब्रिटेन के हेल्थ सिस्टम और डॉक्टरों की परेशानी बढ़ा दी है।