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फोटो में इस्लामाबाद का दंगा: इमरान की रैली में समर्थकों का बवाल, पुलिस फेल हुई तो सेना बुलाई, एक मरा, कई घायल
नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कुर्सी से हटने के बाद और भी ज्यादा अराजक हो गए हैं। उन्होंने बुधवार को इस्लामाबाद में रैली की, जिसमें पूरे पाकिस्तान से लोग शामिल हुए। इमरान ने चेतावनी दी कि अगर छह दिन में चुनाव का ऐलान नहीं हुआ, तो वे फिर पूरी तैयारी के साथ इस्लामाबाद आएंगे। हजारों की संख्या में लोग आए। महिलाएं, बच्चे, जवान और बूढ़े सभी इस रैली में पूरे जोश के साथ शामिल हुए। मगर इस्लामाबाद तक आते-आते इन्होंने यहां अशांति फैला दी। मेट्रो स्टेशन में आग लगा दी। सरकारी और निजी संपत्तियों में तोड़फोड़ करते हुए आग के हवाले करना शुरू कर दिया। हिंसा भड़की तो पुलिस आई। लाठीचार्ज और गोलीबारी सब हुआ, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद सेना बुलाई गई। फायरिंग हुई, कुछ लोगों के मारे जाने की सूचना भी है। वहीं, दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। आइए तस्वीरों के जरिए वहां के हालात पर एक नजर डालते हैं।
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पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान सरकार से मांग की है कि देश में जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं। उन्होंने बुधवार, 25 मई को इस्लामाबाद में ताकत का प्रदर्शन करते हुए विरोध रैली की, जिसे आजादी मार्च नाम दिया गया।
इस दौरान इस्लामाबाद में पूरे पाकिस्तान से इमरान समर्थक आए। उन्होंने वहां आकर न सिर्फ तोड़फोड़ और आगजनी की बल्कि, निजी व सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया। इस बीच, वहां हिंसा फैली जिसमें कुछ लोगों के मारे जाने की भी सूचना है और दर्जनों लोगों के घायल होने की जानकारी है। मृतक का नाम फैसल अब्बास बताया जा रहा है। यह इमरान की पार्टी का कार्यकर्ता था।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इमरान ने समर्थकों को हिंसा भड़काने के लिए उकसाया। ऐसे भाषण दिए, जिससे लोगों में आक्रोश फैला और लोगों ने तोड़फोड़ शुरू कर दिया। भीड़ ने एक मेट्रो स्टेशन में आग लगा दी और कुछ निजी व सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
इमरान खान को बीते अप्रैल में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था। इमरान का दावा है कि उन्होंने 25 मई को शांतिपूर्ण विरोध रैली बुलाई थी, मगर समर्थकों में सरकार के खिलाफ नाराजगी थी और इस्लामाबाद में उनका गुस्सा फूटा। इसके लिए उन्होंने सरकारी तंत्र को जिम्मेदार बताया।
हालांकि, पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने इमरन खान की रैली को अनुमति नहीं दी थी,जिसके बाद उन्हाेंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। यहां सुप्रीम कोर्ट ने शांतिपूर्ण ढंग से रैली आयोजित करने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। यहीं नहीं, कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी थी।
इमरान खान के आह्वान पर बुधवार, 25 मई को देशभर से हजारों की संख्या में समर्थक जुटने लगे। उन्होंने पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स को हटा दिया और मनमानी करने लगे। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की, जिसके बाद तनाव और बढ़ गया।
वहीं, पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दावा किया है कि इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं माना। कोर्ट ने इमरान को जिस जगह रैली करने का आदेश दिया था, उन्होंने उस जगह की बजाय ऐसी जगह की, जिससे माहौल खराब हो गया।
इमरान समर्थक हिंसा करने लगे, जिसके बाद पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। लोगों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने शेल्स दागे और आंसू गैस के गोले छोड़े। इमरान समर्थकों का दावा है कि पुलिस की पिटाई से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी घायल हुए हैं।
वहीं, पुलिस का दावा है कि इमरान समर्थक बैरिकेड्स हटा रहे थे और प्रतिबंधित इलाकों की ओर बढ़ रहे थे। तमाम कोशिशों के बाद भी जब वे नहीं रूके तो हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने बताया कि इमरान समर्थकों ने मेट्रो स्टेशन में आग लगा दी।
बहरहाल, इमरान खान ने गुरुवार, 26 मई की सुबह समर्थकों को संबोधित किया और पाकिस्तान सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर छह दिन में चुनाव का ऐलान नहीं किया गया, तो वे फिर पूरी ताकत के साथ वापस आएंगे।