तख्तापलट के बाद 'क्रूरता' का सबसे खौफनाक चेहरा बना म्यांमार, देखें 10 शॉकिंग तस्वीरें
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म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली के लिए फरवरी के अंत से जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इस बीच म्यांमार से लोगों का जान बचाकर भागने का सिलसिला भी जोर पकड़ रहा है। भारत में 383 लोगों के पहुंचने की सूचना है। बता दें कि मिजोरम के पांच जिलों की 510 किलोमीटर लंबी सीमा म्यांमार से मिलती है।
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती जा रही है। वे देश की शीर्ष नेता आंग सान सू की रिहाई की मांग कर रहे हैं। बता दें कि आंग सान सू बर्मा(अब म्यांमार) के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले आंग सान की बेटी हैं। आंग सान की 1947 में हत्या कर दी गई थी।
पुलिस प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने गैस के गोले दाग रही है। गोलियां चला रही है। बावजूद प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं।
यह तस्वीर दिखाती है कि म्यांमार में प्रदर्शन कैसा रूप ले चुका है। सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच गुरिल्ला युद्ध-सा चल रहा है।
सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार में ऐसा राजनीति संकट पहली बार देखने को मिला है। सारा देश जल रहा है। निर्दोष लोगों को मारा जा रहा है।
यह तस्वीर 28 फरवरी को सामने आई थी, जब सिस्टर रोजा सेना के सामने यूं बैठ गई थीं। इसके बाद सेना को भी उन्हें हटाने घुटने टेककर बैठना पड़ा था।
म्यांमार में सेना प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मार रही है। सड़कों पर खून के छींटे देखे जा सकते हैं।
मांडले में सेना के खिलाफ मोर्चे पर डटी 19 साल की एंजेल के सिर में सैनिक ने गोली मार दी थी। एंजेल ने अपनी टीशर्ट पर ब्लड ग्रुप लिख रखा था। उसके जींस की जेब में एक पर्चा मिला, जिसमें लिखा था कि अगर उसे कुछ हुआ, तो उसकी देह दान कर दी जाए। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी।
म्यांमार में लंबे समय से चले आ रहे प्रदर्शनक का कुचलने सेना अब क्रूर तरीके आजमा रहा है।
पूरे म्यांमार में इस समय अशांति का माहौल है। लोगों में डर बैठ गया है। सेना झुकने को तैयार नहीं हैं, तो प्रदर्शनकारी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था तक हार मानने को राजी नहीं।
फोटो साभार-Reuters,EPA