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2 महीने में इंडोनेशिया में दूसरी बार मौत का मंजर,स्कूल में दबे मासूम-12 दिल दहलाने वाली तस्वीरें
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भूकंप का केंद्र जावा द्वीप के सियांजुर में था। भूकंप के झटके लगते ही लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। बता दें कि करीब 27 करोड़ की आबादी वाले इंडोनेशिया में भूकंप से अब तक 162 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।
इंडोनेशिया में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों में बच्चों की संख्या अधिक है। भूकंप के समय स्कूल चल रहे थे।
भूकंप के झटके रेंकाकेक, साउथ टैंगरांग, जकार्ता और डेपोक में में महसूस किए गए थे। मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी (BKMG) ने कहा कि भूकंप से सुनामी आने की कोई आशंका नहीं है।
पश्चिम जावा के गवर्नर रिदवान कामिल ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोग लापता हैं और संभवत: अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं।
गवर्नर रिदवान कामिल ने कहा कि भूकंप ने 13,000 से अधिक लोगों को विस्थापित किया गया है। भूकंप से जकार्ता से लगभग 108 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में सियानजुर में 2,345 इमारतें नष्ट हो गईं।
वर्तमान में भूकंप प्रभावित सियांजुर जिले के केवल 20 प्रतिशत हिस्से में ही बिजली उपलब्ध है। ऐसे में रात होने पर रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है।
मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी (बीएमकेजी) ने कहा कि रिक्टर पैमाने पर 10 किलोमीटर की गहराई पर भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई।
बीएमकेजी ने कहा कि सियानजुर और पड़ोसी जिले जैसे सुकाबुमी, लेम्बैंग, पुरवाकर्ता और बांडुंग लगातार भूकंप के साथ एक सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में स्थित हैं।
भूकंप के बाद घायलों को पिकअप ट्रकों और मोटरसाइकिल से अस्पताल ले जाया गया। इसके साथ ही लोगों ने शवों को रखने के लिए सड़कों पर तिरपाल बिछाया।
भूकंप के चलते शहरों की बिजली बंद कर दी गई है। भूकंप के चलते हजारों मकान तबाह हो गए हैं, जिससे चारों तरफ मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही कई दुकानें, अस्पताल और स्कूल भी भूकंप की चपेट में आए हैं।
बता दें कि इंडोनेशिया प्रशांत महासागर में रिंग ऑफ फायर पर स्थित है। यहां अक्सर टेक्टोनिक प्लेट्स टकराने की वजह से भूकंप और ज्वालामुखी आते रहते हैं।
इससे पहले जनवरी, 2021 में यहां के सुलावेसी द्वीप में 6.2 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जबकि 6200 लोग घायल हुए थे।