9/11 अटैक के बाद खोली गई थी दुनिया की सबसे खतरनाक जेल, इसे धरती पर नरक माना जाता है
दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने 20 जनवरी, 2002 को कैरेबियाई देश क्यूबा के ग्वांतनामो में एक जेल खोली थी। क्यूबा में यूएस नेवल बेस पर मौजूद ये सैन्य जेल दुनिया दुनिया की सबसे महंगी और सबसे खतरनाक जेल मानी जाती है। इस जेल में दुनियाभर के खूंखार आतंकवादियों को कैद रखा जाता है। इसे बंद करने की कई बार कोशिशें हुईं, लेकिन नाकाम रहीं। यहां ऐसे कैदियों को लाकर रखा जाता है, जिन पर जेनेवा सम्मेलन के नियम या अमेरिकी कानून लागू नहीं होता। इस जेल में अलग-अलग देशों के अब भी कई कैदी बंद हैं। यहां हर कैदी पर सालाना 5 करोड़ रुपए खर्च होता है। लेकिन कैदियों को टॉर्चर भी इतना किया जाता है कि उनकी आपबीती सुनकर सारी दुनिया दंग रह गई थी। 2002 में इस जेल से छूटे अफगानिस्तान के तीन कैदियों ने जेल की खौफनाक सच्चाई बताई थी। जानिए इस जेल के बारे में...
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ग्वांतनामो बे जेल (Guantanamo Bay detention camp) को 20 जनवरी, 2002 में शुरू किया गया था। इसके लिए क्यूबा की जमीन इस्तेमाल की गई थी। इसे अमेरिका ने 1930 में लीज पर लिया था।
न्यूयॉर्क के 9/11(11 सितंबर, 2001) आतंकी हमले के बाद ग्वांतनामो बे जेल को खोला गया था। यह जेल यातना का खतरनाक सेंटर बनकर सामने आई। इसके कैदियों की पहचान है नारंगी पोशाक।
ग्वांतनामो बे जेल में तब 779 कैदियों को पिंजरेनुमा बाड़ों में बंद करके रखा गया था। राष्ट्रपति बनने के बाद बराक ओबामा ने इस जेल को बंद कराने की कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहे।
ग्वांतनामो बे जेल के बारे में कहा गया था कि यहां के हर कैदी पर सालाना 5 करोड़ रुपए खर्च किया जाता था। यहां 9/11 की साजिश रचने वाला पाकिस्तानी आतंकवादी खालिद शेख मुहम्मद भी रखा गया था।
2002 में आज ही के दिन क्यूबा स्थित अमेरिकी सैनिक अड्डे ग्वांतनामो बे जेल में बंद कैंदियों की तस्वीरें पहली बार सार्वजनिक हुई थीं। इनमें कैदियों को बेड़ियों में जकड़ा हुआ और पिंजरेनुमा बाड़ों में देखा गया।
ग्वांतनामो बे जेल में दुनियाभर के चरमपंथियों(आतंकवादियों) को कैद रखा गया था। हालांकि यहां कैदियों को दी जा रही यातनाओं को लेकर दुनियाभर में हंगामा मचा था। एमनेस्टी इंटरनेशनल और रेड क्रॉस कैदियों से मानवीय व्यवहार की मांग की थी।
अमेरिका के तत्कालीन प्रेसिडेंट बराक ओबामा ने ग्वांतनामो बे जेल को दुनिया की सबसे महंगी जेल बताया था। इस जेल को खोलने का सिर्फ एक मकसद था कि जो आतंकवादी अमेरिका पर आंख उठाएं, उन्हें यहां लाकर प्रताड़ित किया जाए।
ग्वांतनामो बे जेल में कैदियों को सिर्फ शारीरिक टॉर्चर नहीं किया जाता था, बल्कि उन्हें मानसिक यातनाएं भी दी जाती थीं। हालांकि काफी समय से यहां की खबरें बाहर नहीं आई हैं, जिससे मौजूदा स्थिति के बारे में पता चले।