चीन के बाद नेपाल ने चली चाल, भारत के 3 इलाकों को अपना बताने वाला नक्शा संसद में पास
- FB
- TW
- Linkdin
भारत पर लगाया अवैध कब्जे का आरोप
नेशनल असेंबली में सत्ताधारी नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी के संसदीय दल के नेता दीनानाथ शर्मा ने कहा, भारत ने लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा पर अवैध रूप से कब्जा किया है और उसे नेपाली जमीन को लौटा देना चाहिए।
राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा विधेयक
नेशनल असेंबली से विधेयक के पारित होने के बाद अब इस विधेयक को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे संविधान में शामिल किया जाएगा।
आधिकारिक दस्तावेजों में होगा इस्तेमाल
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद नए नक्शे का सभी आधिकारिक दस्तावेजों में इस्तेमाल होगा। एक कैबिनेट बैठक में 18 मई को नए राजनीतिक नक्शे का अनुमोदन किया गया था। सरकार ने बुधवार को विशेषज्ञों की एक नौ सदस्यीय समिति बनाई थी जो इलाके से संबंधित ऐतिहासिक तथ्य और साक्ष्यों को जुटाएगी।
भारत ने लिपुलेख से धारचूला तक सड़क बनाई
भारत ने लिपुलेख से धारचूला तक सड़क बनाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया था। इसके बाद ही नेपाल की सरकार ने विरोध जताते हुए 18 मई को नया नक्शा जारी किया था। भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी। भारत ने कहा था, यह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है।
क्या है विवाद?
नेपाल सरकार ने हाल ही में जारी नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया था। नेपाल की कैबिनेट बैठक में भूमि संसाधन मंत्रालय ने यह संसोधित नक्शा जारी किया था। इससे पहले भारत ने 8 मई को लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर में सड़क का उद्घाटन किया था। इसे लेकर नेपाल ने विरोध जताया था। इसी के बाद नेपाल ने नक्शा जारी करने का फैसला किया था।
भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
नेपाल के इस नक्शे पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। विदेश मंत्रालय ने नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करने की नसीहत दी थी। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल से बातचीत के लिए माहौल बनाने की मांग की थी।