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कोरोना: भुखमरी की कगार पर पाकिस्तान, इसलिए हटाया लॉकडाउन; जानिए भारत की तुलना में कैसे हैं हालात
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कोरोना वायरस: एक नजर में भारत और पाकिस्तान की स्थिति (आंकड़े 8 मई तक)
पाकिस्तान में शनिवार से तमाम उद्योगों को सुबह से शाम 5 बजे तक खोलने की अनुमति दी। इमरान ने कहा, सरकार लोगों को अधिकतम राहत देने का काम कर रही है। लेकिन अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन को हटाना जरूरी है। पाकिस्तान में इमरान सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान नहीं किया था। यहां प्रांतों ने मार्च लास्ट से लॉकडाउन शुरू किया था।
पाकिस्तान में कोरोना का पहला मामला 26 फरवरी को सामने आया था। यहां की खैबरपख्तूनवा सरकार ने लॉकडाउन हटाने का फैसला किया है। यहां सभी दुकानें और कुछ उद्योग हफ्ते में चार दिन शाम चार बजे तक खोले जा सकेंगे।
हालांकि, पाकिस्तान में स्कूल और सभी शैक्षणिक संस्थान 15 जुलाई तक बंद रखने का फैसला किया गया है। वहीं, रेल मंत्री ने कहा है कि पाकिस्तान में रेल सेवा ईद से पहले शुरू होने की उम्मीद है।
इमरान सरकार ने लोगों को चेतावनी दी है कि भले ही अभी लॉकडाउन को हटाया जा रहा है, लेकिन अगर कोरोना का संक्रमण बढ़ता है तो प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे।
ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान में कोरोना का असर नहीं है। बल्कि पाकिस्तान को आर्थिक संकट से चलते लॉकडाउन को खोलना पड़ रहा है।
पाकिस्तान में लॉकडाउन की वजह से ढाई लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है। यहा पौने दो करोड़ लोगों की नौकरी जाने का खतरा है।
इतना ही नहीं पाकिस्तान भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है। ऐसे में पाकिस्तान को लॉकडाउन हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इमरान सरकार शुरू से ही लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं थी।
पाकिस्तान में लॉकडाउन में यह दूसरे चरण की छूट है। इससे पहले इमरान सरकार ने रमजान में मस्जिदें खोलने और उनमें सामूहिक नमाजों की अनुमति दी थी। जहां एक ओर कोरोना के चलते मक्का से लेकर सभी मुस्लिम देशों में मस्जिदें बंद रखने का फैसला किया। वहीं, पाकिस्तान ने डॉक्टरों के विरोध के बावजूद मस्जिदें खोलने का आदेश दिया।