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पाकिस्तान के लिए मुसीबत लाया रमजान, डॉक्टरों की बात ना मानना पड़ा इमरान को महंगा; 1 दिन में बढ़े मामले
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में रमजान में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। यहां रमजान के दूसरे दिन 700 नए केस सामने आए। वहीं, 12 लोगों की मौत हुई। इससे पहले रमजान में मस्जिद खोलने और सामूहिक नमाज की इजाजत देने को लेकर इमरान सरकार की पहले ही आलोचना हो रही है। यहां तक की डॉक्टर भी इस फैसले को लेकर चेतावनी दे चुके हैं। इन सबके बावजूद इमरान सरकार ने अपना फैसला नहीं बदला। पाकिस्तान में कोरोना वायरस के अब तक 14504 मामले सामने आए हैं। वहीं, 312 लोगों की मौत हो चुकी है।
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पाकिस्तान की सरकार ने रमजान में कुछ प्रतिबंधों के साथ मस्जिद खोलने का फैसला किया है। साथ ही यहां मस्जिदों में सामूहिक नमाज की अनुमति भी दी गई है। लेकिन यहां के डॉक्टर लगातार इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। पाकिस्तान के वरिष्ठ डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी, अगर रमजान में मस्जिदें खुली रखी गईं तो यह कोरोना के चलते यह काफी घातक साबित हो सकता है।
डॉक्टरों ने कहा था, देश को बुरे परिणाम भुगतने होंगे। डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री इमरान खान और राष्ट्रपति आरिफ आल्वी को पत्र लिखकर रमजान में मस्जिदों को खोलने और उनमें सामूहिक नमाज की अनुमति देने के फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए भी कहा था। लेकिन इन सबके बावजूद इमरान सरकार ने अपना फैसला नहीं बदला।
अब पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन ने भी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कड़े लॉकडाउन की मांग की है। पीएमए ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, हम अब तक शांत रहे और सरकार को कोई सलाह नहीं दी। लेकिन अब मामले हजारों में पहुंच गए हैं, यह चिंता वाली बात है।
पीएमए ने सरकार की कमियों को उजागर करते हुए कहा, सरकार को यह बताना चाहिए कि लॉकडाउन के बावजूद कोरोना के संक्रमण के मामले क्यों बढ़ रहे हैं।
इसके अलावा डॉक्टरों ने सरकार से अपील की कि वे प्राइवेट सेक्टर के डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट से अपील करें कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वे भी आगे आएं।
उधर, पाकिस्तान के अलावा ज्यादातर मुस्लिम देशों में रमजान के दौरान भी मस्जिदों को बंद रखा गया है। लोगों को अपने घरों से नमाज अदा करने के लिए कहा गया है।
वहीं, पाकिस्तान सरकार अभी तक कोरोना रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। यहां इमामों के दबाव में आकर डब्ल्यूएचओ की सलाह के बावजूद नमाज पर लगी रोक हटा दी गई।
डब्ल्यूएचओ ने भी रमजान के महीने में सभी देशों की सरकार से सामूहिक नमाज और किसी भी तरह के सामाजिक कार्यक्रम में पाबंदी लगाने को कहा है।
पाकिस्तान ने इन सबकी सलाह को दरकिनार करते हुए रमजान में मस्जिद खोलने और सामूहिक नमाज की छूट दे दी। हालांकि, सरकार ने मस्जिदों से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए जरूर कहा है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आल्वी ने मस्जिद खोलने का आदेश देते हुए कहा था कि राज्य सरकार और ना ही मौलवी किसी नागरिक को मस्जिद में आने और नमाज करने से रोकेंगे। लेकिन मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग समेत तमाम नियम मानने होंगे।
उधर, इंटरनेशनल रेस्क्यू कमेटी (आईआरसी) ने कोरोना को लेकर अपनी रिपोर्ट में दी है। इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे 34 गरीब देशों के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। इन देशों में करीब 1 अरब लोग संक्रमित हो सकते हैं। वहीं, 30 लाख लोगों की जान जा सकती है।
कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में 2.11 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 30 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। अब तक 9.25 लाख लोगो ठीक हो चुके हैं।