सार
पूर्व सीएम बंशीलाल की बहू। हेलिकॉप्टर दुर्घटना में हो चुकी है पति की मौत। पति के निधन के बाद उनकी सीट पर पिछले दो बार से लगातार विधायक।
किरण चौधरी विधानसभा चुनाव 2019 में तोशाम से जीत गई हैं।
तोशाम/चंडीगढ़। हरियाणा की राजनीति में "तीन लालों" का हमेशा बोलबाला रहा है। ये तीन लाल थे- पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल, पूर्व मुख्यमंत्री भाजनलाल और पूर्व मुख्यमंत्री बंशीलाल। विधानसभा चुनाव में इन तीनों दिग्गज नेताओं का कुनबा अपने पुरखों की राजनीतिक विरासत बनाए रखने के लिए अलग-अलग जूझ रहा है।
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दिग्गजों के राजनीतिक वारिसों में एक नाम किरण चौधरी का भी है। ये महिला नेता हरियाणा में पार्टी का चेहरा हैं। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री बंशीलाल के बेटे सुरेन्द्र सिंह की विधवा पिछले कुछ महीनों में पार्टी के अंदर हुए राजनीतिक बदलाव से कमजोर हुई हैं। चुनाव से पहले किरण को हटाकर हुड्डा को विधानसभा में नेता विपक्ष बना दिया गया था।
पति के निधन के कुछ दिन बाद ही रखा राजनीति में कदम
किरण चौधरी हरियाणा के दिग्गज नेता की बहू हैं, लेकिन राजनीति की शुरुआत दिल्ली से हुई थी। पहली बार 1998 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में किरण चौधरी विधायक बनी थीं। तब विधानसभा में उन्हें डिप्टी स्पीकर भी बनाया गया था। 2005 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान पति सुरेंद्र सिंह का एक विमान हादसे में निधन हो गया। पति के निधन के कुछ ही दिन बाद बंशीलाल भी नहीं रहे। बंशीलाल की बहू ने बेहद मुश्किल हालात में परिवार की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए हरियाणा में सक्रिय हुईं।
विधानसभा में सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाली नेता
2005 में पति की विधानसभा सीट तोशाम से विधायक बनीं। किरण को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कैबिनेट में मंत्रिपद भी मिला। हालांकि, कई बार उनके कारभार को बदला गया। 2014 में विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें सदन में पार्टी का नेता बनाया गया था। एडीआर रिपोर्ट की मानें तो विधानसभा में किरण चौधरी सरकार से सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाली नेता रही हैं।