सार
बरसात के मौसम और उसके बाद डेंगू के साथ चिकनगुनिया का प्रकोप भी होता है। यह भी एक तरह की वायरल बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होती है।
हेल्थ डेस्क। डेंगू की तरह चिकनगुनिया भी मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है। बरसात के मौसम में और उसके बाद यह बीमारी फैलती है। अगर चिकनगुनिया का समय से इलाज नहीं हुआ तो यह जानलेवा भी हो सकता है। चिकनगुनिया एक वायरल डिजीज है। चिकनगुनिया होने पर बुखार के साथ उल्टी और मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है। इस बीमारी में पेट भी खराब हो और पाचन तंत्र पर बुरा असर होता है। डेंगू की तरह चिकनगुनिया की भी कोई खास दवा नहीं है। चिकनगुनिया होने पर कमजोरी बहुत बढ़ जाती है। चिकनगुनिया न हो, इसके लिए मच्छरों से बचाव बहुत जरूरी है। जानें किन घरेलू उपायों से चिकनगुनिया से बचा जा सकता है।
1. नारियल पानी
चिकनगुनिया में नारियल पानी पीने से काफी फायदा होता है। नारियल पानी में अमीनो एसिड होता है। इसमें पोटेशियम और सोडियम भी होता है जो शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता और इलेक्ट्रोलाइट लेवल को ठीक बनाए रखता है। पेट से संबंधित दिक्कतों में भी यह फायदेमंद होता है।
2. पपीता का पता
चिकनगुनिया होने पर पपीते के पत्ते के रस को पानी में मिला कर पीना चाहिए। यह वाइरल इन्फेक्शन को कम करता है। हर दो-तीन घंटे के अंतराल पर पपीते के पत्ते का रस जरूर पिएं।
3. तुलसी
चिकनगुनिया होने पर तुलसी के पत्ते को पानी में उबाल कर पीने से भी फायदा होता है। एक बर्तन में तुलसी के पत्ते को उबाल कर छान लें। फिर ठंडा होने पर एक कप तुलसी के पानी में इलायची का पाउडर डाल कर पिएं। इसमें एंटी-बैक्ट्रीयल, एंटी-फंगल और एंटी-एक्सीटेंड गुण होते हैं। हर दो-तीन घंटे के अंतराल पर तुलसी का पानी पीने से जल्दी राहत मिलती है।
4. लहसुन का पेस्ट
चिकनगुनिया होने पर शरीर पर चकत्ते भी हो जाते हैं। उन्हें दूर करने के लिए उन पर लहसुन का पेस्ट लगाना चाहिए। जहां दर्द हो, वहां भी लहसुन का पेस्ट लगा कर कुछ देर के लिए छोड़ देना चाहिए। इसके बाद उसे ठंडे पानी से धो दें। यह ब्लड सर्कुलेशन को भी ठीक करता है।
5. हल्दी मिला दूध
चिकनगुनिया होने पर हल्दी मिला दूध पीने से भी फायदा होता है। हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट के साथ एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी होता है। यह बुखार में राहत देने के साथ दर्द को भी कम करता है।