सार
डायबिटीज के मरीजों को कई चीजें खाने की मनाही होती है। इन्हीं में से 2 चीजें ऐसी है जो लगभग हर घर में इस्तेमाल होती है लेकिन डायबिटीज लोगे नहीं नहीं खा सकते हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि मधुमेह के रोगी इन्हें अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
हेल्थ डेस्क : आलू और चावल दो ऐसी चीजें हैं जिसमें शुगर और स्टार्च की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और लगभग हर घर में इसका इस्तेमाल भी होता है। ऐसे में जो लोग डायबिटीज से ग्रसित है वह अपने बढ़ते और कम होते ब्लड शुगर लेवल के चलते चावल और आलू नहीं खा पाते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए स्टार्च और शुगर युक्त ये चीजें किसी जहर से कम नहीं मानी जाती है, क्योंकि यह शुगर स्पाइक को बढ़ाता है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि कैसे डायबिटीज के मरीज इन दो चीजों का सेवन कर सकते हैं वह भी बिना किसी चिंता के...
वेलनेस कोच ने शेयर की टिप्स
हाल ही में सेलिब्रिटी वेलनेस कोच ल्यूक कॉन्टिहो (Luke Coutinho) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है। इस पोस्ट में उन्होंने बताया कि कैसे डायबिटीज के मरीज चावल और आलू का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, वेलनेस कोच ल्यूक कॉन्टिहो बताते हैं कि डायबिटीज के मरीजों के लिए स्टार्च भले ही नुकसानदायक होता है लेकिन रेजिस्टेंस स्टार्ट नहीं होता है। यदि आप सफेद चावल को रेजिस्टेंस स्टार्च में बदलना चाहते हैं तो चावल को पका कर फ्रिज में ठंडा कर लें। धीरे-धीरे इसमें से गुड बैक्टीरिया बढ़ेंगे और रेजिस्टेंस स्टार्च की मात्रा भी बढ़ने लगेगी। रेजिस्टेंस बढ़ने से डायबिटीज के मरीज इस चावल को आसानी से खा सकते हैं।
ऐसे करें आलू का सेवन
शुगर के मरीजों को भी अब आलू खाने से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ल्यूक कॉन्टिहो ने बताया है कि अगर आलू को उबालकर से फ्रिज में ठंडा कर लिया जाए और उसके बाद डायबिटीज के मरीज इसका सेवन करें, तो उसमें रेजिस्टेंस स्टार्च की मात्रा बढ़ जाती है और इसमें फाइबर और गुड बैक्टीरिया भी आ जाते हैं, जिससे यह शुगर स्पाइक को कंट्रोल करने में मदद करता है।
बता दें कि रेजिस्टेंस स्टार्च कई प्रकार से ब्यूटायरेट (Butyrate) की तरह काम करता है। यह हमारी आंतों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। यह माइक्रोबायोम को बेहतर बनाने का काम करता है और शरीर की सूजन भी कम करता है। इससे ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रित होता है। साथ में यह पेट के लिए भी फायदेमंद होता है। यह मोटापा और मेटाबोलिज्म सिंड्रोम के लिए एक बेहतर विकल्प की तरह काम करता है।
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