सार
बीजेपी के लिए एक तरफ अपनी कब्जे वाली सीटों को बचाने की चिंता सता रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी से बगावत कर मैदान में उतरे प्रत्याशी एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव पांचवें चरण की 16 सीटों पर 237 प्रत्याशी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं, जहां शुक्रवार को मतदान होंगे। संथाल परगना में सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा बीजेपी के लिए है। बीजेपी के लिए एक तरफ अपनी कब्जे वाली सीटों को बचाने की चिंता सता रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी से बगावत कर मैदान में उतरे प्रत्याशी एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
झारखंड के पांचवें चरण और आखिरी चरण की 16 सीटों में से करीब पांच सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी के सामने अपने ही चुनावी ताल ठोक रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि कई सीटें ऐसी भी हैं जहां बीजेपी के एक नहीं बल्कि दो नेता बागी बनकर चुनौती पेश कर रहे हैं।
जबकि एक सीट पर कांग्रेस को परेशानी खड़ी हो गई तो एक सीट पर जेएमएम को अपने ही नेताओं से दो-दो हाथ करने पड़ रहे है। ऐसे में सबसे ज्यादा बागियों का सामना बीजेपी को करना पड़ रहा है।
जरमुंडी:
जरमुंडी विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र कुंवर का सियासी खेल पार्टी से बगावत कर बसपा से चुनाव मैदान में उतरे संजयानंद झा और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे सीताराम पाठक खराब कर सकते हैं। जबकि, महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के बादल पत्रलेख चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में बीजेपी के मौजूदा विधायक देवेंद्र कुंवर की दूसरी बार जीत की राह में कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी के बागी रोड़े बने हुए हैं।
पाकुड़:
पाकुड़ विधानसभा सीट कांग्रेस और आलमगीर आलम का मजबूत गढ़ माना जाता है। इस सीट से आलमगीर लगातार जीत का परचम लहराते आ रहे हैं, लेकिन इस बार अपने ही नेता मुसीबत बन गए हैं। कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन के चलते पूर्व विधायक अकील अख्तर आजसू से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
शिकारीपाड़ा:
शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट पर भी बीजेपी और जेएमएम दोनों को विपक्ष से ज्यादा अपनों से खतरा नजर आ रहा है। इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी परितोष सोरेन के सामने पार्टी से बगावत करने वाले श्याम मरांडी आजसू के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गए हैं। जबकि जेएमएम के प्रत्याशी नलिन सोरेन के लिए भी कांग्रेस से बगावत कर बतौर निर्दलीय चुनावी रण में ताल ठोक रहे हाबिल मुर्मू ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। इसी तरह से दोनों के लिए उनके पुराने ही टेंशन बने हुए हैं।
नाला:
नाला विधानसभा सीट पर बागी बीजेपी का खेल बिगाड़ने के लिए चुनावी समर में ताल ठोक रहे हैं। नाला से बीजेपी प्रत्याशी सत्यानंद बाटुल चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं, लेकिन बगावत कर नेशनल पीपल्स पार्टी के टिकट पर भाग्य आजमा रहे प्रवीण प्रभाकर और एजेएसयू से माधव चंद्र महतो ने उनका सियासी खेल बिगाड़ दिया है। प्रवीण प्रभाकर बीजेपी के प्रवक्ता रह चुके हैं और झारखंड का चर्चित चेहरा हैं। इसीलिए बीजेपी के सारे समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं।
बोरियो:
बोरियो विधानसभा सीट पर बीजेपी के सूर्य नारायण हांसदा मैदान में हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके ताला मरांडी ने टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी छोड़ चुके हैं। इस बार वह आजसू से मैदान में उतरे हैं। इसीलिए बीजेपी के लिए यहां कमल खिलाना इस बार आसान नहीं है। ऐसे में इस सीट पर चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प बन गया है।
जामताड़ा:
जामताड़ा विधानसभा सीट पर भी बीजेपी को अपने ही बागी नेता से कड़ी टक्कर मिल रही है। बीजेपी से वीरेंद्र मंडल के खिलाफ पार्टी से बगावत कर निर्दलीय ताल ठोक रहे तरुण गुप्ता और बीजेपी की पूर्व विधायक विष्णु की पत्नी चमेली देवी आजसू से चुनाव लड़ रही है। इसके चलते बीजेपी प्रत्याशी का चुनावी गणित बिगड़ता नजर आ रहा है।
(प्रतीकात्मक फोटो)