सार
झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण की 17 सीटों पर 12 दिसंबर को वोटिंग होगी तीसरे चरण में कोयलांचल से राजधानी को जोड़ने वाले राजपथ पर बढ़ रही चुनावी सरगर्मी में राज्य की पूरी सियासत की परीक्षा होनी है
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण की 17 सीटों पर 12 दिसंबर को वोटिंग होगी। तीसरे चरण में कोयलांचल से राजधानी को जोड़ने वाले राजपथ पर बढ़ रही चुनावी सरगर्मी में राज्य की पूरी सियासत की परीक्षा होनी है। ये बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है रघुवर सरकार के दो मंत्रियों सहित आजसू प्रमुख सुदेश महतो और जेवीएम प्रमुख बाबूलाल मरांडी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
मजदूरों के मुद्दे से लेकर सामाजिक समूहों की अलग-अलग मांगों के बीच विकास के मुद्दे भी प्रभावी है। राजधानी रांची की चारों विधानसभा सीट रांची, हटिय़ा, कांके और खिजरी में ही दलीय समर्थन के आधार पर ज्यादा मुखर चुनावी गोलबंदी दिख रही है।
तीसरे चरण की छह सीटों रांची, हटिया, कांके, सिल्ली, बरही और बेरमो में ही आमने-सामने की जंग है। जबकि सात सीटों कोडरमा, बरकट्ठा, बड़कागांव, रामगढ़, हजारीबाग, ईचागढ़ और खिजरी में त्रिकोणीय संघर्ष है। इसके अलावा चार सीटों राजधनवार, मांडू, सिमरिया और गोमिया में तो चतुष्कोणीय मुकाबला है।
13 सीटों पर मौजूदा विधायक लड़ रहे चुनाव
तीसरे चरण की 17 विधानसभा सीटों में से 13 विधानसभा सीटों पर र्सींटग विधायक चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें कोडरमा, हजारीबाग, ईचागढ़, खिजरी, रांची और बेरमो विधानसभा सीट बीजेपी ने 2014 में जीता था। बरकट्ठा और हटिया विधानसभा सीटों पर जीते झाविमो उम्मीदवारों ने तुरंत बाद बीजेपी का दामन थाम लिया। मांडू सीट से जीते जेएणएम के जयप्रकाश भाई पटेल और बरही सीट से जीते कांग्रेस के मनोज यादव अभी हाल ही में बीजेपी में शामिल होकर उम्मीदवार बने। इस तरह बीजेपी 17 में से 10 सीटों पर काबिज है। राजधनवार से माले के राजकुमार यादव, गोमिया से जेएमएम की बबीता देवी और सिल्ली से जेएमएण की सीमा देवी विधायक हैं।
बीजेपी ने कांके के विधायक जीतूचरण राम और सिमरिया के विधायक गणेश गंझू का टिकट काट दिया था। रामगढ़ के विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी के सांसद बन जाने के कारण उनकी पत्नी सुनीता चौधरी चुनाव लड़ रही हैं बड़कागांव की विधायक निर्मला देवी की बेटी अंबा प्रसाद कांग्रेस की उम्मीदवार है।
इन मुकाबलों पर सबकी नजर
रांची सीट-
रांची विधानसभा का चुनावी घमासान इस बार चार बार विधायक रहे नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और जेएमएम की महुआ माजी के बीच है। महुआ साहित्यकार और महिला आयोग की अध्यक्ष रही हैं। वे पिछली बार भी इस सीट से जेएएमएम प्रत्याशी थीं इस तरह से मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है।
सिल्ली सीट-
सिल्ली से तीन बार विधायक रहे सुदेश महतो इस बार फिर यहां से उम्मीदवार हैं। वे पिछली बार 2014 में विधानसभा का चुनाव जेएमएम के अमित महतो से हार गए थे। अमित महतो के सजायाफ्ता हो जाने के कारण यहां की खाली हुई सीट पर हुए उपचुनाव में सुदेश महतो हार गए थे। उप चुनाव में अमित महतो की पत्नी सीमा महतो से हारे थे। सुदेश महतो के सामने इस बार फिर जेएमएम विधायक सीमा महतो मैदान में हैं।
बेरमो सीट-
बेरमो विधानसभा सीट पर भी काफी कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। राज्य के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह का सामना अपने परंपरागत प्रतिद्वंद्वी योगेश्वर महतो बाटुल से है। राजेंद्र सिंह पिछली बार का चुनाव बाटुल से हार गए थे इस बार फिर विधानसभा में वापसी के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं।
प्रतिष्ठा की जंग
रामगढ़: गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी यहीं से जीतकर मंत्री बनते रहे हैं। इस बार चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी आजसू के टिकट पर भाग्य आजमा रही हैं। गठबंधन टूट जाने के कारण बीजेपी ने भी यहां से उम्मीदवार दिया है महागठबंधन की उम्मीदवार ममता देवी हैं।
बड़कागांव : पूर्व मंत्री योगेंद्र साव पहले यहां से विधायक रहे। आपराधिक मामलों में फंसने के बाद उनकी पत्नी निर्मला देवी यहां से विधायक बनीं। निर्मला देवी के भी कई मुकदमों में आरोपी बनने के बाद उनकी बेटी अंबा प्रसाद कांग्रेस से लड़ रही हैं। आजसू से चंद्रप्रकाश चौधरी के भाई रोशन चौधरी यहां से मैदान में हैं। इस तरह से मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है।
(प्रतीकात्मक फोटो)