सार
मंत्री की फेक आईडी बनाकर साइबर अपराधियों ने अधिकारी को मैसेज किया कि पैसे ट्रांसफर करिए। अधिकरी ने इस बात की जानकारी कृषि मंत्री के सचिव को दी। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। फिलहाल केस दर्ज कर लिया गया है।
रांची. साइबर ठग झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का फेक आईडी बनाकर सरकारी अधिकारियों से पैसे मांग रहे हैं। मामला तब उजाकर हुआ जब कृषि मंत्री के फेक व्हाट्सएप आईडी से जिला कृषि पदाधिकारी से साइबर ठगों ने अमेजान गिफ्ट के माध्यम से पैसे मांगने का प्रयास किया। साइबर अपराधियों ने रांची के जिला कृषि पदाधिकारी के व्हाट्सएप नंबर पर अमेजान के भेजे गए लिंक में जाकर पैसे जमा करने का मैसेज किया था।
मैसेज में लिखा था कि पैसे जमा कर दें, उन्हें अभी इसकी आवश्यकता है क्योंकि वे एक मीटिंग में व्यस्त हैं। इसलिए पैसा भेज दें, बाद में उन्हें वापस कर दिया जाएगा। लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने पैसे ना भेज कृषि मंत्री के आप सचिव को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद साइबर पुलिस से मामले की शिकायत की गई। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि 2 अगस्त की सुबह 7.30 बजे उनके व्हाट्सएप पर मंत्री जी के नाम से मैसेज आया था। जिसके बाद वे अलर्ट हो गए। इस तरह की ठगी को लेकर वे पहले से वाफिक हैं। इसलिए उन्होंने पैसे नहीं भेजे। मंत्री जी इस तरह से अपने पदाधिकारियों से बात भी नहीं करते। उन्होंने कृषि मंत्री के सचिव को मामले की जानकारी दी।
झारखंड में पहले भी अफसरों के नाम पर पैसे मांग चुके हैं साइबर ठग
झारखंड में पहले भी कई बड़े-बड़े अफसरों का फेक आईडी बनाकर साइबर ठगों पैसे मांगने का प्रयास कर चुके हैं। रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, जमशेदपुर के पूर्व एसएसपी डॉ एम तमिलवाणन समेत कई अफसरों का फेसबुक या व्हाट्सएप पर फेक आईडी बनाकर लोगों से पैसे मांगने का मामला सामने आया था। इनके अलावा और भी कई अफसरों के नाम पर साइबर ठग लोगों से पैसे मांग चुके हैं। पुलिस ने कई मामलों में केस भी दर्ज किया लेकिन किसी भी साइबर अपराधी को पकड़ने में सफलता नहीं मिली। साइबर अपराधियों ने अब मंत्रियों के फेक आईडी भी बनाकर पैसे मांगने का काम शुरु कर दिया है।
झारखंड में साइबर ठगी के मामले बढ़े
झारखंड में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। राज्य के लगभग हर बड़े शहरों में लोग रोजाना साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। कई लोगों को लिंक भेज साइबर ठग पैसों की अवैध निकासी कर रहे हैं। साइबर ठगी से बचने के लिए किसी भी अंजान लिंक को खोलने से बचें।
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