सार

Facts of 2023: साल 2023 शुरू हो चुका है। सभी नए साल को लेकर काफी उत्साहित हैं। हालांकि ये वैश्विक नववर्ष है हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा से शुरू होता है। लेकिन फिर भी अधिकांश लोग इसे ही नववर्ष मानते और सेलिब्रेट करते हैं।
 

उज्जैन. नया साल आते ही लोगों के मन में उल्लास और उमंग जाग उठती है। सभी लोग आने वाले साल के बारे में जानना चाहते हैं। कोई अपना भविष्य के बारे में जानना चाहता है तो कोई ये जानना चाहता है कि इस साल कौन-सा व्रत-त्योहार कब मनाया जाएगा। (Facts of 2023) उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, साल 2023 धार्मिक और ज्योतिषिय दृष्टिकोण से भी खाफी खास रहने वाला है। ज्योतिष के क्षेत्र में इस साल कई ऐसे परिवर्तन होंगे, जिसके चलते ये साल याद किया जाएगा। आगे जानिए साल 2023 से जुड़ी कुछ खास बातें…

रविवार से शुरू और रविवार को खत्म होगा ये साल
साल 2023 की शुरूआत रविवार से हुई है और खास बात ये है कि इसका समापन भी रविवार को होगा। साल 2023 में दीपावली, छठ पूजा आदि कई व्रत-उत्सव रविवार को ही मनाए जाएंगे।

शनि बदलेगा राशि
ग्रहों का न्यायाधीश कहा जाने वाला ग्रह शनि साल 2023 के पहले ही महीने यानी जनवरी में 17 तारीख को राशि परिवर्तन करेगा। ये ग्रह मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। ये दोनों राशियां शनि के स्वामित्व की ही हैं। पूरे साल शनि इसी राशि में रहेगा। साल के मध्य से शनि इसी राशि में वक्री होगा, जिसके चलते इसके प्रभाव में थोड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा।

22 मार्च से शुरू होगा हिंदू नववर्ष
पंचांग के अनुसार, हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। इस बार ये तिथि 22 मार्च को है। इस दिन गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाता है और चैत्र नवरात्रि की शुरूआत भी होती है। धर्म ग्रंथों में भी इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता के अनुसार, ब्रह्मदेव ने इसी तिथि से सृष्टि बनाने का कार्य शुरू किया था। राजा युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी तिथि पर हुआ था।

अप्रैल में गुरु बदलेगा राशि
नवग्रहों में गुरु का विशेष महत्व है। वर्तमान में ये ग्रह मीन राशि में है, जो इसी के स्वामित्व की राशि है। ये ग्रह 22 अप्रैल को मीन से निकलकर मेष में प्रवेश करेगा। 4 सितंबर को ये ग्रह वक्री होगा यानी टेढ़ी चाल चलने लगेगा।

59 दिनों का रहेगा सावन मास
इस बार सावन मास 59 दिनों का रहेगा ऐसा अधिक मास के चलते होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर 3 साल बाद अधिक मास आता है। इस बार अधिक मास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं।

नव संवत्सर में बढ़ जाएंगी ये तिथियां
हिंदू नववर्ष आम तौर पर 12 महीना का रहता है लेकिन अधिक मास होने से ये 13 महीनों का हो जाएगा। जिसके चलते इस साल में 26 एकादशी और 13-13 अमावस्या और पूर्णिमा तिथि रहेगी। ऐसा संयोग हर तीन साल में एक बार बनता है।

राहु-केतु करेंगे राशि परिवर्तन
राहु-केतु को ज्योतिष शास्त्र में क्रूर ग्रह माना गया है। इन्हें छाया ग्रह भी कहते हैं। ये दोनों ग्रह सदैव वक्री रहते हैं यानी उल्टी चाल चलते हैं। ये ग्रह 18 महीने में एक बार राशि बदलते हैं। इस बार ये दोनों ग्रह 30 अक्टूबर को राशि बदलेंगे। राहु मेष से निकलकर मीन में और केतु तुला से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेगा।

भारत में नहीं दिखेंगे सूर्यग्रहण
ज्योतिषियों के अनुसार, साल 2023 में दो सूर्य ग्रहण होंगे, लेकिन ये दोनों ही भारत में दिखाई नहीं देंगे। पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को और दूसरा 14 अक्टूबर को होगा। भारत में ये ग्रहण दिखाई न देने से इनकी कोई मान्यता नहीं रहेगी।

शरद पूर्णिमा पर होगा चंद्रग्रहण
साल 2023 में दो चंद्र ग्रहण होंगे। पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को होगा, लेकिन ये भारत में दिखाई नहीं देगा। दूसरा चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर को होगा। ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसकी धार्मिक मान्यता रहेगी। ये ग्रहण शरद पूर्णिमा पर होगा।

5 महीनों का रहेगा चातुर्मास
हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दौरान भगवान विष्णु शयन करते हैं और महादेव सृष्टि का संचालन करते हैं। चातुर्मास 4 महीनों का होता है, लेकिन इस बार ये 5 महीनों का रहेगा। ऐसा सावन के अधिक मास के चलते होगा।
 

 

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