सार
Parivartini Ekadashi 2022: इस बार 6 सितंबर, मंगलवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे परिवर्तिनी और जलझूलनी एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जलवा पूजन हुआ था।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों में परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi 2022) का विशेष महत्व बताया गया है। इसे जलझूलनी एकादशी (Jaljhulni Ekadashi 2022) भी कहते हैं। इस बार ये तिथि 6 सितंबर, मंगलवार को है। मान्यता के अनुसार, इस तिथि पर श्रीकृष्ण की सूरज पूजा यानी जलवा पूजन हुआ था। एक मान्यता ये भी है कि चातुर्मास के दौरान जब भगवान विष्णु आराम कर रहे होते तो वे भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को करवट लेते हैं। इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी की पूजा से समृद्धि बढ़ती है।
एकादशी पर बन रहे हैं 4 शुभ योग
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, एकादशी तिथि 6 सितंबर, मंगलवार की सुबह 05.54 से शुरू होकर रात लगभग 3 बजे तक रहेगी। इस दिन पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से मित्र और मानस नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इसके अलावा इस दिन आयुष्मान और रवियोग भी रहेगा। इस दिन सूर्य, बुध, गुरु और शनि अपनी ही राशियों में रहेंगे। इन चार ग्रहों का स्वराशि में होना बड़ा शुभ संयोग है। परिवर्तिनी एकादशी पर ग्रहों का ऐसा संयोग कई सालों में एक बार बनता है।
खरीदी के लिए भी शुभ है ये दिन
ज्योतिषियों के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी पर 4 शुभ योग होने से ये दिन खरीदी, नए काम की शुरूआत, लेनदेन और निवेश के लिए भी बहुत ही शुभ रहेगा। साथ ही इस दिन किए गए उपाय, दान, जाप आदि का भी विशेष फल मिलेगा। इस बार ये तिथि गणेश उत्सव के दौरान मंगलवार को आ रही है। इस शुभ योग में भगवान विष्णु के साथ-साथ श्रीगणेश और हनुमानजी की पूजा करना भी बहुत ही शुभ फलदायक रहेगा।
इस दिन ध्यान रखें ये बातें…
1. धर्म ग्रंथों के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी पर अन्न नहीं खाया जाता है। इस व्रत में सिर्फ दूध या फलाहार ही करना चाहिए।
2. पूजा के दौरान भगवान विष्णु को तुलसी पत्र जरूर चढ़ाएं। तुलसी के पौधे में पानी डालकर परिक्रमा करें। तुलसी को प्रणाम भी करें।
3. इस एकादशी पर पानी में तिल मिलाकर नहाने का विधान है। जिससे जाने-अनजाने में हुई गलतियां, पाप और दोष खत्म हो जाते हैं।
4. एकादशी पर भूखे लोगों को खाना खिलाने के बाद कपड़ों का दान करना चाहिए। इस दिन तिल का दान करने से महा पुण्य मिलता है।
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