सार
28 मई 2022, दिन शनिवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि दोपहर 01:09 तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि रात अंत तक रहेगी। इस दिन शिव चतुर्दशी का व्रत किया जाएगा। इसी दिन से वट अमावस्या का व्रत भी आरंभ होगा।
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचांग के चक्र को खगोलीय तत्वों से जोड़ा जाता है। तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण, इन पांच अंगों के योग से पंचांग बनता है। बारह मास का एक वर्ष और 7 दिन का एक सप्ताह रखने का प्रचलन विक्रम संवत से शुरू हुआ। भारतीय गणना पद्धति के अनुसार हर सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता है, वहीं चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। पंचांग में महीने का हिसाब सूर्य व चंद्रमा की गति पर रखा जाता है। गणना के आधार पर हिन्दू पंचांग की तीन धाराएँ हैं- पहली चंद्र आधारित, दूसरी नक्षत्र आधारित और तीसरी सूर्य आधारित कैलेंडर पद्धति। भारत में अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न पंचांग प्रचलित हैं। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…
28 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 28 May 2022)
28 मई 2022, दिन शनिवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि दोपहर 01:09 तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि रात अंत तक रहेगी। इस दिन शिव चतुर्दशी का व्रत किया जाएगा। इसी दिन से वट अमावस्या का व्रत भी आरंभ होगा। इस दिन सूर्योदय भरणी नक्षत्र में होगा, जो रात अंत तक रहेगा। शनिवार को भरणी नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल सुबह 09:04 से 10:44 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
शनिवार को राहु और चंद्रमा मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल, गुरु और शु्क्र मीन में, सूर्य और बुध वृषभ राशि में, शनि कुंभ राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।
28 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- कृष्ण
दिन- शनिवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- भरणी
करण- वणिज और विष्टि
सूर्योदय - 05:45 AM
सूर्यास्त - 07:02 PM
चन्द्रोदय - 04:08 AM
चन्द्रास्त - 05:21 PM
अभिजीत मुहूर्त – 11:57 AM: 12:50 PM
28 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 2:03 PM – 3:43 PM
कुलिक - 5:45 AM – 7:25 AM
दुर्मुहूर्त - 07:31 AM – 08:24 AM
वर्ज्यम् - 05:56 PM – 07:42 PM
आज किया जाएगा शिव चतुर्दशी व्रत
प्रत्येक मास के कृ्ष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिव चतुर्दशी का व्रत किया जाता है। इसे मासिक शिवरात्रि व्रत भी कहते हैं। इस बार 28 मई को ये व्रत किया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार फाल्गुनी मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव लिंग में प्रकट हुए थे। इस दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है और प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का व्रत करने का विधान है।
नक्षत्र क्रम में दूसरा है भरणी
नक्षत्रों के क्रम में भरणी को दूसरा नक्षत्र माना जाता है। चूंकि भरणी यम का नक्षत्र है और यम पितरों के देवता हैं, इसलिए इस नक्षत्र में शुभ कार्यों को करना वर्जित बताया गया है। इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है, जिसकी वजह से ये लोग काफी आकर्षक और सुंदर होते हैं। भरणी नक्षत्र में जन्में व्यक्ति को की पूजा करनी चाहिए।
जो व्यक्ति भरणी नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे सुख सुविधाओं और ऐशो-आराम चाहने वाले होते हैं। इनका जीवन भोग विलास एवं आनन्द में बीतता है।