सार

Makar Sankranti 2023: इस बार मकर संक्रांति पर्व बहुत ही शुभ योगों में मनाया जाएगा, जिसके चलते इस दिन किए गए स्नान, दान का महत्व और भी अधिक हो जाएगा। इस बार लोगों के मन में मकर संक्रांति की तारीख को लेकर भी काफी कन्फ्यूजन है। 

उज्जैन. हर साल मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। गुजरात में इसे उत्तरायण, पंजाब में लोहड़ी, असम में बिहू, उत्तर प्रदेश में खिचड़ी आदि नामों से जाना जाता है। (Makar Sankranti kab hai) वैसे तो ये पर्व हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार ये पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। साथ ही इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। आगे जानिए मकर संक्रांति से जुड़ी खास बातें…

किस दिन मनाएं मकर संक्रांति 14 या 15 को? (Makar Sankranti 2023 Date)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। आमतौर पर सूर्य 14 जनवरी को राशि बदलता है, लेकिन इस बार सूर्य 14 जनवरी, शनिवार की रात को मकर राशि में प्रवेश करेगा, इसलिए अगले दिन यानी 15 जनवरी को मकर संक्राति का पुण्य काल माना जाएगा। 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति से संबंधित स्नान, दान, जप, पूजा आदि करना शुभ रहेगा।

ये शुभ योग बनेंगे इस दिन (Makar Sankranti 2023 Shubh Yog)
पंचांग के अनुसार, 15 जनवरी को चित्रा नक्षत्र दिन भर रहेगा। रविवार को चित्रा नक्षत्र का संयोग होने से पद्म नाम का शुभ योग इस दिन बनेगा। साथ ही सुकर्मा और धृति नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन बन रहे हैं। इस दिन शनि स्वयं की राशि यानी मकर में रहकर मालव्य योग का निर्माण कर रहा है, सालों में एक बार ऐसा शुभ संयोग बनता है। मकर संक्रांति पर मकर राशि में सूर्य, शनि, और शुक्र की युति बन रही है यानी त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है।

इतनी समय रहेगा पुण्यकाल (Makar Sankranti 2023 Shubh Muhurat)
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, वैसे तो मकर संक्रांति पर पूरे दिन ही स्नान-दान किया जा सकता है, लेकिन सुबह के समय पुण्यकाल में ये काम करना अति शुभ माना गया है। इस बार मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी, रविवार की सुबह  07.14 से दोपहर 12.36 यानी 5 घंटा 32 मिनट तक रहेगा। यानी इस समय किए गए स्नान-दान, तप आदि का महत्व बहुत अधिक रहेगा।


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