सार
Ravi Pushay 2023: ज्योतिष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्र बताए गए हैं। इनमें से कुछ शुभ तो कुछ अशुभ होते हैं। इन 27 नक्षत्रों में पुष्य को राजा माना गया है। ये नक्षत्र अलग-अलग दिन होने से विभिन्न योग बनता है। इस बार साल 2023 का पहला पुष्य नक्षत्र 8 जनवरी, रविवार को है।
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है। साल 2023 का पहला पुष्य नक्षत्र (Ravi Pushay 2023) 8 जनवरी, रविवार को है। रविवार को पुष्य नक्षत्र होने से ये रवि पुष्य कहलाएगा। इस दिन और भी कई शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। ज्योतिषियों के अनुसार, पुष्य नक्षत्र के संयोग में खरीदारी, लेन-देन, निवेश के साथ ही नौकरी और बिजनेस में नई शुरुआत करना फायदेमंद माना जाता है। पुष्य को खरीदी का महानक्षत्र भी कहा जाता है। आगे जानिए 8 जनवरी को कौन-कौन से और शुभ योग बनेंगे और इस दिन क्या करना शुभ रहेगा…
इतने सारे शुभ योग बनेंगे 8 जनवरी को
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, 8 जनवरी, रविवार को पुष्य नक्षत्र के अलावा सर्वार्थसिद्धि, बुधादित्य और श्रीवत्स योग रहेंगे। साथ ही इस दिन चंद्रमा पर गुरु की दृष्टि पड़ने से गजकेसरी योग भी बनेगा। इतना सारे शुभ योग एक साथ होना एक दुर्लभ संयोग है। पुष्य नक्षत्र 8 जनवरी, रविवार की सुबह लगभग 7 बजे से शुरू होगा, जो अगले दिन सुबह 6 बजे तक रहेगा।
रवि पुष्य शुभ योग में करें ये काम
पुष्य नक्षत्र को खरीदी व शुभ कामों की शुरूआत के लिए बहुत ही खास माना गया है। 8 जनवरी, रविवार को इतने सारे शुभ योग एक साथ होने से ये दिन खरीदी के लिए बहुत ही खास बन गया है। एक मान्यता ये भी है कि पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई चीजें लंबे समय तक उपयोग में बनी रहती हैं, क्योंकि ये एक स्थाई नक्षत्र है। पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदी समृद्धि देने वाली होती है। रवि पुष्य में भूमि, भवन, वाहन और अन्य स्थायी संपत्ति में किया गया निवेश लंबे समय तक फायदा देता है।
साल 2023 में कब-कब आएगा पुष्य नक्षत्र (Pushay Nakshtra 2023)
साल 2023 में 5 बार रवि पुष्य और 3 बार गुरु पुष्य का संयोग बनेगा। आगे जानें साल 2023 में कब-कब आएगा पुष्य नक्षत्र…
- 08 जनवरी, रविवार (रवि पुष्य)
- 05 फरवरी, रविवार (रवि पुष्य)
- 04 मार्च, शनिवार
- 30 मार्च, गुरुवार (गुरु पुष्य)
- 27 अप्रैल, गुरुवार (गुरु पुष्य)
- 25 मई, गुरुवार (गुरु पुष्य)
- 21 जून, बुधवार
- 19 जुलाई, बुधवार
- 10 सितंबर, रविवार (रवि पुष्य)
- 08 अक्टूबर, रविवार (रवि पुष्य)
- 05 नवंबर, रविवार (रवि पुष्य)
- 02 दिसंबर, शनिवार
- 29 दिसंबर, शुक्रवार
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