सार
आज (5 फरवरी, शनिवार) माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। इस दिन देवी सरस्वती का प्राकट्य दिवस वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2022) के रूप में मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी सरस्वती ज्ञान और संगीत की देवी है।
उज्जैन. देवी सरस्वती के आशीर्वाद से प्राणियों में बोलने की शक्ति प्राप्त की और संसार में शब्दों की उत्पत्ति हुई। यही कारण है वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2022) पर घर-घर में और प्रमुख रूप से शिक्षण संस्थानों में देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि आज सुबह सूर्योदय के समय की कुंडली के पंचम भाव में राहु है, इस कारण बुद्धिवर्धक योग बन रहा है। इसके साथ ही भारती योग भी है। भारती भी देवी सरस्वती का एक नाम है। इनके अलावा बुधादित्य, सिद्धि, शश, शुभकर्तरी और सत्किर्ती नाम के शुभ योग भी बसंत पंचमी पर बन रहे हैं। कुल सात शुभ योगों की वजह से ये पर्व बहुत खास हो गया है।
तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचमी तिथि आरंभ: 05 फरवरी, शनिवार, प्रातः 03:48 बजे से
पंचमी तिथि समाप्त: 06 फरवरी, रविवार प्रातः 03:46 बजे पर
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त: 05 फरवरी प्रातः 07:19 मिनट से दोपहर 12:35 मिनट तक
सरस्वती पूजा मुहूर्त की कुल अवधि: 05 घंटे और 28 मिनट
इस विधि से करें पूजन
- वसंत पंचमी की सुबह स्नान कर पवित्र आचरण, वाणी के संकल्प के साथ माता सरस्वती की पूजा करें।
- पूजा में गंध, अक्षत (चावल) के साथ खासतौर पर सफेद और पीले फूल, सफेद चंदन तथा सफेद वस्त्र देवी सरस्वती को चढ़ाएं।
- प्रसाद में पीले चावल, खीर, दूध, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू, घी, नारियल, शक्कर व मौसमी फल चढ़ाएं।
- इसके बाद माता सरस्वती से बुद्धि और कामयाबी की कामना कर, घी के दीप जलाकर आरती करें। इससे आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
देवी सरस्वती की आरती
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता।। जय सरस्वती...।।
चंद्रवदनि पद्मासिनी, द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी।। जय सरस्वती...।।
बाएँ कर में वीणा, दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला।। जय सरस्वती...।।
देवि शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
पैठि मंथरा दासी, रावण संहार किया।। जय सरस्वती...।।
विद्या ज्ञान प्रदायिनि ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो।। जय सरस्वती...।।
धूप दीप फल मेवा, मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो।।।। जय सरस्वती...।।
मां सरस्वती जी की आरती, जो कोई नर गावे।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे।। जय सरस्वती...।।
वसंत पंचमी के उपाय
1. वसंत पंचमी पर केसर मिश्रित खीर बनाएं। पहले इसका भोग देवी सरस्वती को लगाएं उसके बाद कन्याओं को खिलाएं।
2. वसंत पंचमी की सुबह स्नान आादि करने के बाद तुलसी की माला से इस मंत्र का 108 बार जाप करें- ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।
3. वसंत पंचमी पर गरीब कन्याओं को पीले रंग के कपड़ों का दान करें। ये भी देवी सरस्वती की कृपा पाने का अचूक उपाय है।
4. निर्धन बच्चों को पढ़ाई की सामग्री जैसे- पुस्तकें, कॉपी, पेन आदि का दान करें। इससे भी देवी सरस्वती प्रसन्न होती हैं।
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