सार

एक अध्ययन के अनुसार, महिलाएं 32 साल की उम्र में पूरी तरह परिपक्व हो जाती हैं, जबकि पुरुषों को 43 साल लगते हैं। शोध बताता है कि महिलाएं अक्सर रिश्तों में मुख्य फैसले लेती हैं, जो उनकी जल्दी परिपक्वता को दर्शाता है।

मनुष्यों की परिपक्वता पर अक्सर चर्चा होती रहती है। बड़ों को बच्चों की तरह खेलते देखकर कहते सुना होगा, "इतनी उम्र हो गई, फिर भी इनमें मैच्योरिटी (परिपक्वता) नहीं है, छोटे बच्चों की तरह खेलते हैं।" ऐसे में यह परिपक्वता या मैच्योरिटी कब आती है, यह कई लोगों का सवाल है। कुछ लोग कम उम्र में ही ज्ञानी की तरह परिपक्व व्यवहार करते हैं, तो कुछ बुजुर्ग होने पर भी परिपक्वता नहीं दिखाते। ऐसे में एक अध्ययन में बताया गया है कि महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग उम्र में परिपक्वता आती है। खासकर महिलाओं में पुरुषों की तुलना में जल्दी परिपक्वता आती है। 

यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के 'अवर वर्ल्ड यूके कम्युनिटी' ने इस विषय पर एक अध्ययन किया है, जिसके अनुसार पुरुषों और महिलाओं की भावनात्मक परिपक्वता की उम्र में काफी अंतर है। शोध के मुताबिक, महिलाएं 32 साल की उम्र में पूरी तरह परिपक्व हो जाती हैं, जबकि पुरुषों को पूरी तरह परिपक्व होने में लगभग 43 साल लगते हैं।

अध्ययन से यह भी पता चलता है कि 80% महिलाएं मानती हैं कि पुरुष वयस्क होने के बाद भी बच्चों जैसा व्यवहार करते हैं। फास्ट फूड का अधिक सेवन, वीडियो गेम की लत और जल्दबाजी में फैसले लेना जैसे पुरुषों के व्यवहार इस धारणा को बल देते हैं कि पुरुषों को भावनात्मक रूप से परिपक्व होने में अधिक समय लगता है।

शोध में महिलाओं द्वारा अपने रिश्तों में निभाई जाने वाली भूमिकाओं की भी जाँच की गई है। इसमें बताया गया है कि कई महिलाएं अपने रिश्तों में मुख्य फैसले लेने की जिम्मेदारी उठाती हैं। इस भूमिका में वित्तीय प्रबंधन, महत्वपूर्ण जीवन विकल्प चुनना और अपने साथी को उनकी उम्र के हिसाब से व्यवहार करने के लिए प्रेरित करना शामिल है। अध्ययन बताता है कि यह सक्रियता महिलाओं में जल्दी परिपक्वता आने के कारण हो सकती है, जो उन्हें स्वाभाविक रूप से ऐसी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए तैयार करती है।