सार
वास्तु शास्त्र में रसोई की दिशा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। सही दिशा में रसोई बनवाने से घर में समृद्धि, शांति और अन्न-धन की कमी नहीं होती। आइए विस्तार से जानते हैं कि रसोई के लिए कौन-सी दिशा श्रेष्ठ है और इसके क्या लाभ हैं। रसोई को वास्तु के अनुसार सही दिशा में बनवाने से घर में अन्न-धन का भंडार हमेशा भरा रहता है। रसोई में अग्नि और जल के संतुलन का ध्यान रखें, ताकि परिवार का स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहे।
रसोई बनवाने के लिए ये दिशा है सहीं और ये है गलत
1. पूर्व-पूर्व दिशा
- रसोई के लिए पूर्व-पूर्व दिशा (ईशान कोण) को सबसे शुभ माना गया है।
- यह दिशा सूर्य की ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है।
- यहां पर रसोई बनवाने से परिवार में कभी अन्न-धन की कमी नहीं होती।
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2. अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा)
- रसोई के लिए अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व) आदर्श है क्योंकि यह दिशा अग्नि देव का स्थान है।
- इस दिशा में भोजन पकाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और घर में आर्थिक समृद्धि आती है।
- खाना पकाते समय, रसोई में मुख पूर्व की ओर होना चाहिए।
3. उत्तर-पूर्व दिशा में रसोई नहीं बनवाएं
उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) पूजा और ध्यान के लिए होती है। यहां रसोई बनवाने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है।
इससे घर के सदस्यों को आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
4. दक्षिण-पश्चिम और उत्तर दिशा से बचें
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में रसोई बनवाना गंभीर वास्तु दोष उत्पन्न करता है।
- उत्तर दिशा कुबेर की दिशा मानी जाती है। यहां रसोई होने से धन हानि की संभावना रहती है।
5. रसोई का स्टोव और सिंक
- अग्नि (चूल्हा) और जल (सिंक) का उचित स्थान होना जरूरी है।
- चूल्हा दक्षिण-पूर्व दिशा में और सिंक उत्तर-पश्चिम में होना चाहिए।
6. रसोई में रंग का महत्व
- रसोई में हल्के रंग जैसे क्रीम, सफेद या हल्का पीला इस्तेमाल करें।
- गहरे रंग नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं।
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7. सकारात्मक ऊर्जा के लिए टिप्स
- रसोई को साफ और व्यवस्थित रखें।
- रोजाना रसोई की सफाई और भगवान अन्नपूर्णा की पूजा करें।
- रसोई में धन रखने के लिए चावल और गुड़ को मिट्टी के पात्र में रखें।