सार
भारत में हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं प्रदूषण को रोकने के लिए आप किस तरह सहायता कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क : हमारे देश में प्रदूषण एक ऐसी गंभीर समस्या है, जो मानव सहित जीव-जंतुओं की जान का दुश्मन बन गया है। इससे हर साल ना जाने कितने लोग और जानवरों की मौत हो जाती है। ऐसे में प्रदूषण को नियंत्रित करने और इसके बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (National Pollution Control Day 2022) या राष्ट्रीय प्रदूषण रोकथाम दिवस मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से 1984 की भोपाल गैस त्रासदी में जान गंवाने वाले लोगों की याद में मनाया जाता है। ऐसे में आज राष्ट्रीय प्रदूषण रोकथाम दिवस पर हम आपको बताते हैं, इसे रोकने के कुछ तरीके...
मनुष्य की जिम्मेदारी, इस तरह रोके प्रदूषण
घरों में लगवाएं सोलर पैनल
सौर ऊर्जा बढ़ाने के लिए आप अपने घरों में सोलर पैनल लगवाएं। इसका इस्तेमाल आप इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने के लिए भी कर सकते हैं, क्योंकि सौर ऊर्जा पर चलने वाले वाहनों से दूषित गैस का उत्सर्जन नहीं होता है और यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल होता है।
सार्वजनिक वाहनों का करें इस्तेमाल
सड़कों पर जितने ज्यादा वाहन चलेंगे उतना ही ज्यादा वायु प्रदूषण होगा। ऐसे में निजी वाहनों की जगह आप सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें। हफ्ते में एक दिन साइकिल से भी काम पर जाएं, क्योंकि इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता और आपका स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
कचरे का करें निष्पादन
अगर आपके घर में सब्जियों के छिलके का कचरा सूखी पत्तियां बचती है, तो उन्हें फेंकने की जगह बगीचे में खाद बनाकर इसका इस्तेमाल करें और इस खाद को आप पेड़ पौधे में डालने से पेड़ पौधों को भी फायदा होगा।
अधिक पेड़ पौधे लगाएं
पर्यावरण को बचाने के लिए और प्रदूषण को कम करने के लिए एकमात्र उपाय पर्यावरण को हरा-भरा रखना है। ऐसे में आप अपने घर के आस-पास ढेर सारे पेड़ पौधे लगाएं। अपने बच्चों या खुद के जन्मदिन पर एक पेड़ पर लगाने का संकल्प लें और उस पेड़ को बड़ा करें।
धूम्रपान को ना कहें
जी हां धूम्रपान से भी प्रदूषण होता है। ऐसे में अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण का ध्यान रखते हुए धूम्रपान ना करें।
पानी की बचत करें
पानी की बर्बादी को रोकने के लिए अपने घर से ही इसकी शुरुआत करें। जितना जरूरी हो उतने ही पानी का इस्तेमाल करें। घर में अगर कोई टपकता हुआ नल है, तो उसे ठीक कराएं। नहाने और पीने के लिए उतना ही पानी लें, जितने का उपयोग हो, बेवजह पानी को फेंके नहीं।
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