सार
अभी तक आपने ईको फ्रेंडली मूर्ति और ईको फ्रेंडली रंग के बारे में खूब सुना होगा। लेकिन मध्य प्रदेश में ईद के मौके पर ईको फ्रेंडली बकरे आ गए हैं। जहां भोपाल के संस्कृति बचाओ मंच ने मुस्लिम भाइयों से कोरोना के कहर को देखते हुए ईको फ्रेंडली बकरों की कुर्बानी देने की अपील की है।
भोपाल. अभी तक आपने ईको फ्रेंडली मूर्ति और ईको फ्रेंडली रंग के बारे में खूब सुना होगा। लेकिन मध्य प्रदेश में ईद के मौके पर ईको फ्रेंडली बकरे आ गए हैं। जहां भोपाल के संस्कृति बचाओ मंच ने मुस्लिम भाइयों से कोरोना के कहर को देखते हुए ईको फ्रेंडली बकरों की कुर्बानी देने की अपील की है।
एक ईको फ्रेंडली बकरे की इतनी है कीमत
दरअसल, राजधानी भोपाल के टीटी नगर इलाके स्थिति दुर्गा मंदिर में गणेश और दुर्गा प्रतिमा बनाने वाले कारीगरों ने इस बार मिट्टी के इको फ्रेंडली बकरे बनाए हैं। जिनकी अलग-अलग साइज के हिसाब से कीमत रखी गई है। कम से कम एक बकरे की कीमत 1000 हजार है। कारीगिरों ने इन बकरों को इस तरह बनाया है कि अगर इनको दूर से देखा जाए तो यह असली की तरह दिखेंगे।
पटाखे और रंग की तरह आए ईको फ्रेंडली बक
हिंदु धार्मिक संगठनों ने बकरों की कुर्बानी देने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही मुस्लिम समाज के लोगों से कहा-जब हम लोग दीवाली पर पर्यावरण बचाने के लिए ईको फ्रेंडली पटाखे और होली पर ईको फ्रेंडली रंग का उपयोग कर सकते हैं तो आप क्यों नहीं बकरे की प्रतीकात्मक कुर्बानी दे सकते