सार

जानकारी के मुताबिक भोपाल गैस त्रासदी के बाद यह पहला मौका था जब इस विश्रामघाट पर इतनी बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। क्योंकि यहां पर मात्र 24 प्लेटफार्म हैं, लेकिन शुक्रवार को 21 लोगों की एक चिताएं जली। जिसमें 8 मृतक इस हादसे के थे। जबकि अन्य शहर के आसपास के इलाके के थे।

भोपाल. पूरे देश में गणेशउत्सव के अंतिम दिन गरुवार को धूम-धाम और जयकारों के साथ बप्पा का विसर्जन किया गया। लेकिन राजधानी के एक मोहल्ले में बप्पा के विसर्जन के बाद से ही मातम पसरा हुआ है। जिस नाव पर बैठकर 11 लोग गणपति को लेकर तालाब में गए थे वह मौत की नाव बनी गई और 11 लोगों की जान चली गई। सुभाष नगर विश्रामघाट पर एक साथ इतनी चिताएं चली की वहां जगह कम पड़ गई। लोग चीख-चीखकर यही कह रहे थे बप्पा तूने ये क्या किया। 

पहली बार इतने लोगों के एक साथ जली चिताएं
जानकारी के मुताबिक भोपाल गैस त्रासदी के बाद यह पहला मौका था जब इस विश्रामघाट पर इतनी बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। क्योंकि यहां पर मात्र 24 प्लेटफार्म ही हैं लेकिन शुक्रवार को 21 लोगों की चिताएं जली। 8 मृतक इस हादसे के थे। जबकि अन्य शहर के आसपास के इलाके के थे।

रोते हुए परिजन बार-बार कह रहे थे एक ही बात
दरअसल इस हादसे में मारे गए 11 लोगों में से 8 लोगों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। क्योंकि यह आठों शव एक ही मोहल्ले के थे। जहां एक दिन पहले कॉलोनी में बप्पा की विदाई की खुशिंया मना रहे थे, अब वहीं मातम पसरा हुआ। मृतक के परिजन बार-बार चीखते हुए कह रहे थे कि भगवान ऐसे बुरे दिन किसी और को ना देखने पड़ें।

पूरी बस्ती में नहीं जला चूल्हा
परिजनों से जो भी मिलने गया वह अपने आंसू नहीं रोक पाया। आलम यह था कि इस दर्दनाक हादसे की खबर मिलते ही कॉलोनी में सुबह से किसी के घर में चूल्हा तक नहीं जला। सब लोग बस इधर-उधर भागते नजर आए। लोगों ने हादसे की वजह पुलिस प्रशासन की नाकामी बताया और इसे लेकर वह गुस्से में दिखाई दिए।

मृतक के परिजनों को मिलेंगे 13 लाख
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा दुख जताते हुए घटना की मजिस्ट्रेट से जांच करवाने के आदेश दिए हैं। वहीं सरकार ने  मृतकों के परिजन को 11-11 लाख और भोपाल नगर निगम ने 2-2 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया है। साथ ही सीएम ने कहा जो भी हादसे के लिए जिम्मेदार होगा उस पर कारवाई की जाएगी। दो नाविकों पर केस भी दर्ज किया गया है।