सार

मध्य प्रदेश उपचुनाव कार्यक्रम मंगलावार के दिन का का बड़ा ही संयोग लेकर आया है। जिस दिन चुनावी तारीखों का ऐलान हुआ वह मंगलवार का दिन है। जिस दिन वोट डाले जाने हैं तब भी मंगरवार का दिन है और जब नतीजे आने हैं उस दिन भी मंगलवार ही है।

भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव  (MP By Elections) की तारीखों को लेकर चुनाव आयोग ने मंगलवार को घोषणा कर दी। इसके बाद से प्रदेश की सियासत तेज हो गई है। दोनों बड़ी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस चुनाव जीतने का दावा कर रही हैं। यह उपचुनाव बड़ा ही संयोग लेकर आया है, जिसको लेकर चर्चा होने लगी है। दरअसल, चुनाव आयोग ने जिस दिन 29 सितंबर को चुनावी कार्यक्रम का ऐलान किया वह मंगलवार का दिन है। जिस दिन वोट डाले जाने हैं 3 नवंबर को तब भी मंगलवार का दिन है और 10 नवंबर को जब मतगणना होगी उस दिन भी मंगलवार होगा। इसलिए मंगल का दिन सबके लिए दिलचस्प हो गया है।

"हनुमान लला की जय" : कांग्रेस
बता दें कि हिंदु धर्म के मुताबिक, मंगलवार हुनमान जी का दिन माना जाता है, पूर्व सीएम कमलनाथ हनुमान जी के बड़े भक्त हैं, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रामभक्त हैं। अब इस सयोंग में देखते हैं किसका मंगल होता है। बता दें कि कमलनाथ के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर लिखा कि 'हनुमान भक्त कमलनाथ को मिला वरदान-आज मंगलवार दिनांक 29 सितंबर को चुनाव की घोषणा हुई, मंगलवार दिनांक 3 नवंबर को वोटिंग होगी और मंगलवार दिनांक 10 नवंबर को काउंटिंग होगी।' "हनुमान लला की जय" हमारा ही मंगल होगा।

रामभक्त का ही होगा मंगल: बीजेपी
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी का कहाना है कि यह संयोग सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के लिए ही मंगल होगा। क्योंकि कमलनाथ तो बस दिखावे के हनुमान भक्त हैं। हमारी पार्टी हमेशा से ही रामभक्त रही है, चुनाव आने पर हम लोग धर्म का प्रचार नहीं करते हैं। प्रदेश की जनता बता दे कि किसका मंगल करना है और किसी अमंगल।

बड़े नेताओं का भविष्य तय करेंगे यह चुनाव
बता दें कि इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। शिवराज सिंह को सत्ता बचाकर रखना है इसके लिए वह रोज कई घोषणाओं  का ऐलान कर रहे हैं। वहीं कामलनाथ को सत्ता में वापिस आना चाहते हैं, इसलिए वह बीजेपी कई तरह के आरोप लगा रहे हैं। खासकर, ज्योतिरादित्य सिंधिया की ताकत का यह उप चुनाव फैसला का देगा। जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होना है उनमें 27 में से 16 विधानसभा क्षेत्र तो अकेले ग्वालियर-चंबल संभाग की हैं। जो ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है। इन सीटों के नतीजे सरकार के साथ भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं का भविष्य भी तय करने वाले कहे जा रहे

इन सीटों पर होना है उप चुनाव: सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, मेहगांव, गोहद, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, डबरा, भांडेर, करेरा, पोहरी, बमोरी, अशोकनगर, मुंगावली, सुरखी, सांची, अनूपपुर, सावेर, हाटपिपलिया, सुवासरा, बदनावर, आगर मालवा, जोरा, नेपानगर, बड़ा मलहरा, मांधाता और ब्यावरा।

इस समय विधानसभा में कौन कितने पानी में

भाजपा    107
कांग्रेस    88
बसपा    2
सपा    1
निर्दलीय    4
खाली सीटें    28
कुल सीटें    230
उल्लेखनीय है कि वर्ष, 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 114, जबकि भाजपा के खाते में 109 सीटें आई थीं।