सार

एमपी के डिंडौरी में वैक्सीनेशन टीम ने जो मिसाल पेश की है वह बेहद सराहनीय है। लोगों को टीका लगाने के चक्कर में उनको मजदूरी तक करनी पड़ गई। पहले उन्होंने मजदूरों के साथ खेत में उनकी फसल कटवाई। फिर उनका टीकाकरण किया गया।

डिंडौरी (मध्य प्रदेश). कोरोना की तीसरी लहर को रोकने और लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए सरकार से लेकर हेल्थकर्मी लगातार बचे लोगों का तेजी से वैक्सीनेशन किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्यकर्मी एक को ढूंढ़-ढूंढ़कर टीकाकरण करा रहे हैं। कोई बिना डोज लगवाए ना रहे इसके लिए वह नदी पार करते हैं और पहाड़ चढ़कर पहुंच रहे हैं। लेकिन एमपी के डिंडौरी में वैक्सीनेशन टीम ने जो मिसाल पेश की है वह बेहद सराहनीय है। लोगों को टीका लगाने के चक्कर में उनको मजदूरी तक करनी पड़ गई। पहले उन्होंने मजदूरों के साथ खेत में उनकी फसल कटवाई। फिर उनका टीकाकरण किया गया।

ग्रामीण हर बार बना देते थे बहाना..लेकिन इस बार नहीं चला
दरअसल, डिंडौरी जिले के अंगई गांव के लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे थे। कभी कुछ तो कभी  किसी काम का बहाना देकर सेंटर तक नहीं जाते थे। मंगलवार को जब वैक्सीनेशन टीम गांव पहुंची तो उन्होंने धान की कटाई का हवाल देकर वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया। उनका कहना था कि अगर हम टीका लगवा लेंगे तो धान की कटाई कैसे कर पाएंगे। हमारे पास इतना समय नहीं है। काफी समझाने के बाद भी वह नहीं माने।

जब मजदूरों के साथ धान काटने लगी वैक्सीनेशन टीम
आखिर में आंगनबॉडी की आशा कार्यकर्ता और अन्य  स्वास्थ्यकर्मी मजदूरों के पास खेत पर ही पहुंच गए। जहां उन्होंने लोगों को जागरुक करने के लिए हाथों में हंसिया थाम लिया। इतना ही नहीं उनके साथ कुछ समय तक धान की कटाई भी करवाई। यह देख ग्रामीणों का दिल पसीजा और वह वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने के लिए तैयार हो गए। फिर उनको खेत में ही वैक्सीनेशन किया गया।

सोशल मीडिया पर हीरो बनी वैक्सीनेशन टीम
वैक्सीनेशन टीम ने जो मिसाल पेश की है उसकी हर कोई तारीफ करते नहीं थक रहा है। सोशल मीडिया पर हर कोई उनको सैल्यूट कर रहा है। वहीं जिला कलेक्टर ने भी अपनी स्वास्थ्यकर्मियों की इस टीम के काम की जमकर प्रशंसा की है।