सार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) मंगलवार को परिवार समेत तमिलनाडु (Tamil Nadu) और महाराष्ट्र (Maharashtra) के दौरे पर गए हैं। ये उनकी निजी यात्रा है। इस दौरान उन्होंने पत्नी साधना सिंह (Sadhna singh) के साथ तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में मीनाक्षी मंदिर (Meenakshi Temple), भगवान रंगनाथजी (Srirangam Temple), लक्ष्मी मैया, भूदेवी और श्रीदेवी जी के दर्शन किए।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) मंगलवार को परिवार समेत तमिलनाडु (Tamil Nadu) और महाराष्ट्र (Maharashtra) के दौरे पर गए हैं। ये उनकी निजी यात्रा है। इस दौरान उन्होंने पत्नी साधना सिंह (Sadhna singh) के साथ तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में मीनाक्षी मंदिर (Meenakshi Temple), भगवान रंगनाथजी (Srirangam Temple), लक्ष्मी मैया, भूदेवी और श्रीदेवी जी के दर्शन किए। वे अब श्रीवेलुपुत्तुर होते हुए महाराष्ट्र के गोंदिया जाएंगे। बुधवार शाम 5 बजे तक भोपाल लौट आएंगे।
मुख्यमंत्री मंगलवार को तिरुचिरापल्ली में श्रीरंगम (रंगनाथ स्वामी) मंदिर गए। वहां परिवार के साथ दर्शन और पूजा की। इसके बाद वे तिरुमाला जियार मठ गए। वहां से मंगलवार शाम को ही मदुरै में मीनाक्षी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। रात्रि विश्राम मदुरै में किया। मुख्यमंत्री मदुरै से सुबह श्रीवेलीपुत्तुर पहुंच रहे हैं और वहां दर्शन-पूजन के बाद परिवार के साथ ही महाराष्ट्र के गोंदिया जाएंगे। तय कार्यक्रम के मुताबिक, बुधवार शाम को सीएम भोपाल आ जाएंगे।
शिवराज ने श्री मीनाक्षी मंदिर में दर्शन के बाद कहा...
शिवराज ने ट्वीट कर बताया कि मेरा सौभाग्य है कि आज श्री मीनाक्षी मंदिर आकर मां मीनाक्षी के साथ ही भगवान शिवजी और माता पार्वती के भी दर्शन किए। हमारे देश, हमारे मध्य प्रदेश में सभी सुखी हों, सभी का कल्याण हो। उन्होंने श्लोक भी पोस्ट किया-
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
देश पर संकट कभी ना आए
मां से प्रार्थना है कि देश में फिर से कोरोना संकट कभी ना आए। हमारा देश प्रगति करता हुआ हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के #AtmaNirbharBharat के संकल्प और सपने के स्वरूप में आगे बढ़े। हमारा मप्र #aatmanirbharmp बने, सभी का मंगल और कल्याण हो।
मां के दर्शन कर अभिभूत हो गया हूं
शिवराज ने कहा कि दक्षिण भारत के तीर्थाटन क्रम में सायंकाल मदुरै स्थित विश्व प्रसिद्ध मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मंदिर में माता के दिव्य दर्शन कर अभिभूत हो गया हूं। मैया की कृपा से जगत का कल्याण हो, हर घर धन-धान्य और आनंद से समृद्ध हो, यही प्रार्थना करता हूं।
मीनाक्षी मंदिर की ये खूबियां...
शिवराज ने इस मंदिर की खूबियां भी बताईं। कहा- मीनाक्षी सुंदेरेश्वर मंदिर स्थापत्य और वास्तुकला की दृष्टि से आधुनिक विश्व के आश्चर्यों में गिना जाता है। यह मंदिर भगवान सुन्दरेश्वर (शिव) की भार्या, जिनकी आंखें मछली की आंखों जैसी सुंदर हैं, को समर्पित है। मीनाक्षी मंदिर का निर्माण 7वीं सदी के प्रारंभ में हुआ था। सन् 1310 में मुस्लिम आक्रांत मलिक काफूर ने इसे नष्ट कर दिया था। 1559-1600 में मदुरै के नायक प्रधानमंत्री आर्यनाथ महाराजा तिरुमलनायक और उनके उत्तराधिकारियों के अथक प्रयासों से मंदिर पुन: अपने भव्य स्वरूप को प्राप्त कर सका।
शिवराज ने रंगनाथ मंदिर में दर्शन के बाद कहा...
भगवान श्रीरंगनाथ जी के दर्शन करने का परम सौभाग्य मिला। लक्ष्मी मैया, भूदेवी और श्री देवी जी के भी दर्शन किए। अद्भुत है यह मंदिर, जीवन धन्य हो गया। श्री रामानुजाचार्य भगवान यहां साक्षात विराजमान हैं। मन का कण-कण आनंद से भरा है। प्रार्थना है कि सभी का मंगल हो, कल्याण हो।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत।
भगवान श्री रंगनाथ जी से प्रार्थना है कि अपनी कृपा सभी पर बनाए रखें। सभी का कल्याण करें, सभी के जीवन में सुख-समृद्धि की उत्तरोत्तर वृद्धि हो, सभी की मनोकामनाएं पूर्ण हों।
श्रीरंगम मंदिर का ये इतिहास...
श्रीरंगम भारत में सबसे बड़ा मंदिर परिसर है। रंगनाथस्वामी के मूल मंदिर की स्थापना महान चोल राजाओं ने की थी, जिसे आक्रमणकारियों ने खंडित कर दिया था। कालांतर में जीर्णोद्धार कर मंदिर में मूर्तियों की पुनः प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई थी और मंदिर को यह भव्य-दिव्य स्वरुप दिया गया।
श्रीरंगम मंदिर न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का अखंड स्रोत है, बल्कि सनातन धर्म में निहित 'नर सेवा नारायण सेवा', शिक्षा, संस्कृति का का संगम है। मंदिर द्वारा संचालित शिक्षा केंद्र, अस्पताल और वृहद रसोईघर अद्भुत हैं। मानव कल्याण को समर्पित मंदिर की संचालन समिति को शत-शत नमन करता हूं।
स्थानीय इकाई का आभार जताया
इससे पहले शिवराज ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली पहुंचने पर कहा कि भाजपा की स्थानीय ईकाई के साथियों और नागरिकों ने आत्मीय स्वागत किया। मैं उनके इस अपनत्व एवं स्नेहिल स्वागत के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।