सार

एनसीपी प्रमुख पवार ने स्पष्ट किया कि बीजेपी को समर्थन देने का फैसला अजित पवार का निजी निर्णय था और पार्टी बीजेपी के खिलाफ है

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर के बाद शनिवार (23 नवंबर) को दोपहर एक बजे एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस  की। एनसीपी प्रमुख पवार ने स्पष्ट किया कि बीजेपी को समर्थन देने का फैसला अजित पवार का निजी निर्णय था और पार्टी बीजेपी के खिलाफ है।  प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित पवार के साथ गए कुछ विधायक शरद पवार के साथ नजर आए। उनमें से एक विधायक राजेंद्र शिंगणे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी। शिंगणे ने कहा कि अजित पवार के साथ गए विधायकों को शपथ ग्रहण का अंदाजा नहीं था।

एनसीपी एमएलए नें बताई ये बात

एनसीपी एमएलए राजेंद्र शिंगणे ने कहा, ''अजीत पवार ने मुझे कुछ चर्चा करने के लिए बुलाया था और वहां से मुझे अन्य विधायकों के साथ राजभवन ले जाया गया। इससे पहले कि हम समझ पाते शपथ ग्रहण समारोह पूरा हो गया। मैं पवार साहब के पास गया और उनसे कहा कि मैं शरद पवार और एनसीपी के साथ हूं।''

एनसीपी के दो और विधायकों संदीप क्षीरसागर और सुनील भुसारा ने भी आरोप लगाया कि उन्हें बिना बताए शपथ समारोह में ले जाया गया और अब वे वापस आ गए हैं और शरद पवार के साथ हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, "मुझे नहीं पता कि उन्होंने (अजित पवार) यह जांच एजेंसियों के डर के कारण किया या नहीं। मेरे सूत्रों के मुताबिक, 10-11 विधायक राजभवन में थे और उनमें से तीन पहले ही यहां मेरे साथ बैठे हैं। शरद पवार ने यह भी साफ किया कि पार्टी के नियमों के मुताबिक, अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एनसीपी प्रमुख ने दावा किया कि कुछ और विधायक उनके पास पहुंच रहे हैं। 

धोखे से बनी सरकार- एनसीपी

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, हमने अटेंडेंस के लिए विधायकों के हस्ताक्षर लिए थे। इस पत्र का शपथ ग्रहण के लिए गलत इस्तेमाल किया गया। ये सरकार धोखे से बनाई है। फ्लोर पर ये सरकार गिर जाएगी। सभी विधायक हमारे साथ हैं। वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ''अजित पवार के साथ गए आठ विधायकों में से पांच वापस आ गए हैं। उनसे भी झूठ बोला गया और अपहरण की तरह कार में बैठाया गया। अगर हिम्मत है तो विधानसभा में बहुमत साबित करके दिखाएं।'' 

बता दें कि शनिवार (23 नवंबर) को तड़के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राजभवन में देंवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।