सार
4 दिसंबर को दिल्ली में नगर निगम(MCD) के चुनाव होने हैं, इससे पहले AAP सरकार के सामने घोटाले का एक नया 'जिन्न' आकर खड़ा हो गया है। एजुकेशन डिपार्टमेंट में एक बड़े घोटाले का मामला सामने आया है। सतर्कता निदेशालय ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में 2,400 से अधिक कक्षाओं के निर्माण में अनियमितताओं की जांच कराने का सुझाव दिया है।
नई दिल्ली. 4 दिसंबर को दिल्ली में नगर निगम(MCD) के चुनाव होने हैं, इससे पहले AAP सरकार के सामने घोटाले का एक नया 'जिन्न' आकर खड़ा हो गया है। एजुकेशन डिपार्टमेंट में एक बड़े घोटाले का मामला सामने आया है। सतर्कता निदेशालय(vigilance directorate) ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में 2,400 से अधिक कक्षाओं के निर्माण में कथित अनियमितताओं की जांच कराने का सुझाव दिया है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission-CVC) ने 17 फरवरी, 2020 की एक रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग द्वारा दिल्ली सरकार के स्कूलों में 2,400 से अधिक कक्षाओं के निर्माण में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा किया है। इस रिपोर्ट से दिल्ली सरकार के लिए टेंशन बढ़ सकती है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
ढाई साल से रखी थी रिपोर्ट
शुक्रवार यानी 25 नवंबर को आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सतर्कता निदेशालय ने सुझाव दिया है कि एक स्पेशल एजेंसी दिल्ली सरकार के स्कूलों के लिए कक्षाओं के निर्माण में संभावित गड़बड़ियों को देखे, जिसमें आरोप लगाया गया है कि यह 1,300 करोड़ रुपये का घोटाला है। यह रिपोर्ट मुख्य सचिव को दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय द्वारा दी गई है। इसमें 193 स्कूलों में 2405 कक्षाओं के निर्माण में सरकार द्वारा गंभीर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की जांच का आग्रह किया गया है। यह रिपोर्ट 17 फरवरी, 2020 की है।
फरवरी 2020 में CVC ने दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय को रिपोर्ट भेजकर उसकी राय मांगी थी। हालांकि, निदेशालय ढाई साल तक रिपोर्ट लेकर बैठा रहा, जब तक कि एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव से इस साल अगस्त में रिपोर्ट में देरी की जांच करने और एक रिपोर्ट जमा करने को नहीं कहा। सूत्रों कहा कि सतर्कता निदेशालय ने इस घोटाले में शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी के संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की भी सिफारिश की है।
यह भी जानिए
अरविंद केजरीवाल ने अप्रैल 2015 में दिल्ली सरकार के स्कूलों में नए क्लासरूम बनाने का आदेश दिया था। पीडब्ल्यूडी को 193 संस्थानों में 2405 क्लासरूम बनाने का काम दिया गया था। इसने कक्षाओं की आवश्यकता का पता लगाने के लिए एक सर्वे कराया गया। सर्वेक्षण के आधार पर, 194 स्कूलों में 7180 समतुल्य कक्षा कक्षों (ईसीआर) की कुल आवश्यकता का अनुमान लगाया, जो 2405 कक्षाओं की आवश्यकता का लगभग तीन गुना है।
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