सार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 20 दवाओं के इस्तेमाल को हरी झंडी दिखाई है। इसमें भारत में बने सात सिरप शामिल हैं। कई देशों में मौतें होने पर इन भारतीय सिरप पर रोक लगा दी गई थी।

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दूषित दवा और कफ सिरप पीने से दुनिया भर में हुईं 300 मौतों की जांच कर रही है। WHO ने पहले भारतीय दवा कंपनियों द्वारा तैयार किए गए सिरप पर रोक लगा दी थी। मंगलवार को WHO ने भारत में बनी सात सिरप को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही इंडोनेशिया की कंपनियों द्वारा बनाए बनाए जाने वाले 13 दवाओं को भी हरी झंडी मिली है। इनमें कफ सिरप के साथ विटामिन भी शामिल हैं।

पिछले कुछ समय में भारत में बनी दवाओं के चलते उज्बेकिस्तान, गाम्बिया और नाइजीरिया में मौतें होने की जानकारी सामने आई। इसके चलते WHO ने भारत में बने कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया। WHO ने गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में हुई मौतों को भारत में बने कफ सिरप से जोड़कर देखा था।

भारत के ड्रग कंट्रोलर ने की थी जांच
भारत के ड्रग कंट्रोलर ने नोएडा के मैरियन बायोटेक, हरियाणा के मेडेन फार्मास्युटिकल्स, चेन्नई के ग्लोबल फार्मा और पंजाब के क्यूपी फार्माकेम सहित अन्य दवा निर्माताओं की जांच की थी। दवाओं के दूषित पाए जाने पर इन कंपनियों के संचालन को रोक दिया गया था।

विदेश निर्यात होने वाली दवाओं से मौतें होने को लेकर केंद्र सरकार ने भी सख्त रुख अपनाया है। सौंदर्य प्रसाधन, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों के लिए राष्ट्रीय नियामक संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) को इसके लिए जरूरी इंतजाम करने के लिए कहा गया था। इसके बाद सरकार ने फैसला किया कि निर्यात से पहले सभी दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए टेस्ट जरूर कराना होगा।