सार

अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के समापन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यहां कहा कि प्रोफेशन पुलिस में शामिल होने के इच्छुक छात्रों को शिक्षित करने के लिए केंद्र एक रक्षा शक्ति विश्वविदयालय की स्थापना करेगा

लखनऊ. अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के समापन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यहां कहा कि प्रोफेशन पुलिस में शामिल होने के इच्छुक छात्रों को शिक्षित करने के लिए केंद्र एक रक्षा शक्ति विश्वविदयालय की स्थापना करेगा और जिन राज्यों में पुलिस विश्वविद्यालय नही है वहां कालेज खोले जायेंगे। इन विश्वविद्यालयों में पढ़ने के बाद देश को बेहतर पुलिसकर्मी मिल सकेंगे। मौजूदा समय में पुलिस की छवि देश की जनता के बीच अच्छी नहीं है और सरकार इसे सुधारना चाहती है। 

पुलिस विज्ञान कांग्रेस को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा, 'हम एक रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी बनाने जा रहे हैं । यह केंद्रीय विश्वविदयालय होगा । जिन राज्यों में पुलिस विश्वविद्यालय नहीं है, वहां उसके कालेज की शुरूआत की जाएगी ।’’ शाह ने कहा, ‘‘जिस बच्चे ने यह तय किया है कि उसे प्रोफेशनल पुलिस में ही जाना है, उसको वहां इस विषय की शिक्षा दी जाएगी। यहां उसे गहन जांच पड़ताल करना भी सिखाया जायेगा ।' उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय अपराध विज्ञान विश्वविद्यालय (फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी) की स्थापना करेगी । उन्होंने कहा कि सजा दिलाने का प्रतिशत कम है और इसमें सुधार करने की आवश्यकता है ।

शाह ने कहा कि 1960 से 2019 तक अब तक पुलिस विज्ञान कांग्रेस में जितने शोधपत्र रखे गये, पढ़े गये, उनका हुआ क्या, इस पर मंथन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक विज्ञान कांग्रेस ऐसी बुलानी चाहिए जिसमें इन पर भी विचार करना चाहिये कि इनके क्रियान्वयन के लिये क्या किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी का अक्सर मज़ाक बनाया जाता है, पुलिसकर्मी को बड़े तोंद वाला दिखाया जाता है, लेकिन देश की जनता को ये अनुभूति करनी होगी कि जब कोई भाई अपनी बहन के घर राखी बंधवाने जाता है, तब पुलिस का सिपाही ट्रैफिक की जिम्मेदारी संभालता है ।

गृह मंत्री ने कहा कि जब आप होली या दिवाली मना रहे होते हैं तो उस दिन भी पुलिस का जवान कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाले रहता है । उन्होंने कहा कि देश के एक-एक नागरिक के मन में पुलिस के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना हमारी प्राथमिकता है, जब तक यह नहीं कर सकते तब तक हम आंतरिक सुरक्षा को ठीक से नहीं निभा सकते और देश के एक एक नागरिक के मन में पुलिस के प्रति सम्मान पैदा करना हमारी आपकी जिम्मेदारी है ।' गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि समय के अनुसार आईपीसी और सीआरपीसी में बदलाव की जरूरत है क्योंकि ये कानून तब बनाए गए थे जब अंग्रेज हम पर शासन करते थे और उनकी प्राथमिकता भारत के नागरिक नहीं थे अब जब हम आजाद हैं तो इसमें जनता की सहुलियत के मुताबिक बदलाव की जरूरत है।

शाह ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा में घुसपैठ, तस्करी, साइबर हमला, नारकोटिक्स जैसी कई चीजें आती हैं, जो राज्यों की पुलिस नहीं कर सकती इसलिए भारत के गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है कि वह समन्वयक की भूमिका अदा करे । गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र में जब मोदी सरकार आई तब देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें स्थान पर थी पर अब यह सातवें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि भारत की 130 करोड़ जनसंख्या पूरी दुनिया के लिए बड़ा बाजार है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सपना है कि 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन की बने, जिसके लिए बेहतर कानून व्यवस्था की जरूरत है जो कि बेहतर पुलिसिंग से ही मिल सकती है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि समय के अनुसार आज कम्युनिटी पुलिसिंग बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए जवानों को ठीक तरह से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि अब साइबर अपराध पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है जिससे कि अपराध का दायरा इंटरनेशनल हो गया है और जिसके लिए पुलिस को तकनीकी रूप से सक्षम किया जा रहा है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)