सार

रंगा रेड्डी जिले में प्रियंका रेड्डी की मौत मामले में साइबराबाद पुलिस ने ट्रक ड्राइवर और क्लीनर सहित चार लोगों को हिरासत में लिया है। मोहम्मद पाशा नाम का मुख्य संदिग्ध भी पकड़ा गया है। पाशा महबूबनगर जिले का रहने वाला है। सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद इन्हें पकड़ा गया।

हैदराबाद (तेलंगाना). रंगा रेड्डी जिले में डॉक्टर की मौत मामले में साइबराबाद पुलिस ने ट्रक ड्राइवर और क्लीनर सहित चार लोगों को हिरासत में लिया है। मोहम्मद पाशा नाम का मुख्य संदिग्ध भी पकड़ा गया है। पाशा महबूबनगर जिले का रहने वाला है। सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद इन्हें पकड़ा गया।

आरोपियों ने ही स्कूटी को पंक्चर किया
पुलिस को संदेह है कि हमलावरों ने उसकी स्कूटी को पंक्चर किया होगा। इसके बाद मदद के बहाने अपहरण कर लिया। इसके बाद उसे टोंडुपल्ली टोल गेट के पास सुनसान जगह पर ले गए। इसके बाद पार्क किए गए ट्रकों के बीच रेप किया और फिर मार डाला। बाद में शव को एक ट्रक में पुलिया पर ले जाया गया और उसके जला दिया। इस बीच स्कूटर को  बाहरी इलाके कोथुर में सड़क किनारे छोड़ दिया।

शव देख लगा, किसी ने ठंड से बचने के लिए लकड़ी जलाई है
शव के सबसे पहले समला सत्यम नाम के एक दूधवाले ने देखा था। उसने बताया कि वह गुरुवार की सुबह 5 बजे अपनी बाइक से खेत जा रहा था। जब वह पुल के नीचे से गुजर रहा था तो देखा कि किनारे पर कुछ जला हुआ है। उसने सोचा कि किसी ने ठंड से बचने के लिए लकड़ी जलाया है। वह रुका नहीं और आगे निकल गया। जब वापस लौट रहा था तो फिर से उसकी नजर उस राख पर पड़ी। इस बार उसे राख के बीच एक हाथ दिखा। वह सहम गया और समझ गया कि किसी को जलाया गया है। 

भगवान गणेश के लॉकेट से हुई पहचान
डॉक्टर का शव इतनी बुरी तरह से जला हुआ था कि घरवाले पहचान नहीं पाए। लेकिन उसके गले में भगवान गणेश का लॉकेट और दुपट्टे को देखकर समझ गए कि यह उनकी बेटी है। 

मां ने कहा, आरोपियों को जिंदा जला दिया जाए
पुलिस ने पाशा के अलावा नवीन, केशावुलू और शिवा नाम के आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। डॉक्टर का मां ने कहा, "मैं चाहती हूं कि मेरी मासूम बेटी के दोषियों को जिंदा जला दिया जाए। उन्होंने कहा कि घटना के बाद जब मेरी छोटी बेटी शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंची तो उसे दूसरे थाने शमशाबाद भेजा गया। कार्रवाई की बजाय पुलिस ने कहा कि मामला उसके क्षेत्र में नहीं आता। बाद में पीड़िता के परिवार के साथ कई सिपाही भेजे गए और सुबह 4 बजे तक छानबीन की गई मगर उसका पता नहीं चल पाया।"