सार

पूर्वी लद्दाख में चीन की हरकत के बाद भारत हर मोर्चे पर मुस्तैद हो रहा है। लद्दाख के बाद अब चीन ने हिंद महासागर में भी अशांति फैलाने पर नजर है। इसे देखते हुए भारत अंडमान और निकोबार कमान का महत्व बढ़ गया है। अंडमान में भारत की तीनों सेनाओं की पहली और एकमात्र थियेटर कमान है।

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में चीन की हरकत के बाद भारत हर मोर्चे पर मुस्तैद हो रहा है। लद्दाख के बाद अब चीन ने हिंद महासागर में भी अशांति फैलाने पर नजर है। इसे देखते हुए भारत अंडमान और निकोबार कमान का महत्व बढ़ गया है। अंडमान में भारत की तीनों सेनाओं की पहली और एकमात्र थियेटर कमान है। हालांकि, यहां इतने संसाधन अभी नहीं हैं कि भारत चीन को घेर सके। लेकिन यह इलाका हालिया तनाव को देखते हुए काफी अहम हो गया है। 

अंडमान क्यों है इतना अहम?
देश की पहली और इकलौती थियेटर कमान में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स एक ही कमांडर के तहत आते हैं। यह आइलैंड ग्रुप दुनिया के बड़े ट्रेड रूट्स में से हैं। इसके जरिए बंगाल की खाड़ी, मलाका स्ट्रेट और साउथ ईस्ट एशिया पर नजर रखी जा सकती है। हर साल मलाका स्टेट से होकर 70 हजार जहाज गुजरते हैं। चीन पर दबाव बनाने के लिए यह हिस्सा काफी अहम है, क्योंकि उसकी तेल सप्लाई और ट्रेड का बड़ा हिस्सा यहीं से गुजरता है। हिंद महासागर में चीन की विस्तारवादी नीति का जवाब अंडमान से दिया जा सकता है। 



आईएनएस करदीप और आईएनएस जरवा तैनात
भारत ने अंडमान में लॉजिस्टिक्‍स सपोर्ट के लिए भी बेस बनाया है। यहां पर लॉजिस्टिक्‍स के लिए INS करदीप और INS जारवा तैनात हैं। इसके अलवा दो एयरफोर्स बेस हैं और दो नेवल एयर स्‍टेशन भी हैं। यहां वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जॉइंट नेवल और एयरफोर्स बेस भी मौजूद है।

जापान के साथ अभ्यास से चीन को दिया संदेश
चीन से विवाद के बीच भारत ने पिछले महीने जापान की नौसेना के साथ अंडमान में अभ्यास किया था। जापान के साथ भारत के अक्सर अभ्यास युद्ध होते रहते हैं। लेकिन चीन से विवाद के बीच अंडमान में अभ्यास अहम माना जा रहा है। दरअसल, साउथ चाइना सी में चीन जापान के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। ऐसे में भारत और जापान मिलकर मिलकर चीन को कड़ा संदेश देना चाहते हैं।