सार
Delhi-NCR को वायु प्रदूषण(Air Pollution) से अभी तक मुक्ति नहीं मिली है। SAFAR के मुताबिक AQI मंगलवार को 321 है। नोएडा में यह 354, जबकि गुरुग्राम में AQI 232 (खराब श्रेणी में) है। अब पश्चिम विक्षोभ(western disturbance) के कारण मौसम में बदलाव के चलते प्रदूषण से राहत मिल सकती है।
नई दिल्ली. Delhi-NCR को वायु प्रदूषण(Air Pollution) से अभी तक मुक्ति नहीं मिली है। वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान व अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के मुताबिक मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 321 है। नोएडा में यह 354, जबकि गुरुग्राम में AQI 232 (खराब श्रेणी में) है। हालांकि मौसम विभाग(IMD) का अनुमान है कि तीन दिन बाद दिल्ली में प्रदूषण कम होगा। पश्चिम विक्षोभ(western disturbance) के कारण मौसम में बदलाव के चलते प्रदूषण से राहत मिल सकती है। हालांकि 'सफर' के मुताबिक इस दौरान वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में रहेगी। 2 फरवरी के बाद पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। हवाएं की स्पीड भी बढ़ेगी, इससे प्रदूषण फैलाने वाले तत्व बिखर जाएंगे। यानी वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलेगी।
दिवाली से ही दिल्ली में वायु प्रदूषण है
दिवाली के समय से ही दिल्ली में वायु प्रदूषण बना हुआ है। अकसर सर्दियों में दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। सुप्रीम कोर्ट की डाट-फटकार के बाद सरकार की तमाम तरह की पाबंदियों के बावजूद दिल्ली को वायु प्रदूषण से राहत नहीं मिल पाई है। दिसंबर में दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वकील रंजीत कुमार ने तर्क दिया कि दिल्ली की तरफ यूपी की ओर से हवा नहीं जा रही है। ये दूषित हवाएं पाकिस्तान से आ रही हैं।
क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स
वायु प्रदूषण का मतलब हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसों व धूलकणों के विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक होना है। वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में बदलकर एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया जाता है। इससे पता चलता है कि हवा कितनी शुद्ध या खराब है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के छह कैटेगरी हैं।
अच्छा (0–50)- इसका मतलब है कि हवा साफ है। इससे सेहत पर खराब असर नहीं पड़ेगा।
संतोषजनक (51–100)- संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली दिक्कत हो सकती है।
मध्यम प्रदूषित (101–200)- अस्थमा जैसे फेफड़े की बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो सकती है।
खराब (201–300)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।
बहुत खराब (301–400)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में प्रभाव अधिक स्पष्ट हो सकता है।
गंभीर रूप से खराब (401-500) - स्वस्थ लोगों में भी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। हल्की शारीरिक गतिविधि के दौरान भी कठिनाइयों का अनुभव हो सकता है।
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