सार

Delhi-NCR के बाद मुंबई में वायु प्रदूषण(Air Pollution) को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है। दिल्ली में पाकिस्तानी हवाओं को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। अब मुंबई की हवा खराब करने के लिए सऊदी अरब, ईरान-ईराक और अन्य देशों की धूल को दोषी माना जा रहा है।

दिल्ली-मुंबई. Delhi-NCR के बाद मुंबई में वायु प्रदूषण(Air Pollution) को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है। दिल्ली में पाकिस्तानी हवाओं को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। अब मुंबई की हवा खराब करने के लिए सऊदी अरब, ईरान-ईराक और अन्य देशों की धूल को दोषी माना जा रहा है। दरअसल, मंगलवार को मुंबई की वायु गुणवत्ता पिछले एक दशक में सबसे अधिक खराब दर्ज की गई। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान की प्रणाली(SAFAR-India) के मुताबिक मुंबई में मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air quality Index) 350 तक पहुंच गया, जबकि दिल्ली में 249 था। यानी मुंबई ने दिल्ली का भी प्रदूषण में रिकॉर्ड तोड़ दिया।(फोटो क्रेडिट-dnaindia.com)

अरब देशों की धूल ने बिगाड़ी मुंबई की हवा 
मुंबई के स्थानीय मौसम विभाग के प्रमुख जयंत सरकार (Jayanta Sarkar) मुंबई और आसपास की हवा खराब करने के पीछे कुछ दिनों से मध्य पूर्व देशों से आ रही धूल को बताते हैं। हालांकि वे मानते हैं कि अब वायु प्रदूषण में सुधार हो रहा है। मुंबई में मुंबई में सऊदी अरब, ईरान, इराक,तुर्की, कतर, बहरीन, मिस्र, इजरायल, यूएई, यमन, साइप्रस, जॉर्डन, कुवैत, लेबनान, ओमान आदि देशों से धूल आ रही है। इससे वायु गुणवत्ता खराब हो रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार समुद्र के किनारे होने से मुंबई में तेज हवाएं प्रदूषण को दूर करती रहती हैं, लेकिन धूलभरी आंधी, नमी और ठंडी हवा स्थानीय उत्सर्जन(स्थानीय प्रदूषण) की वजह से धूल को हवा में रोककर रखते हैं। इससे प्रदूषण बढ़ जाता है।

पाकिस्तान ने की दिल्ली और हमारी 'हवा' खराब
दिसंबर में दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वकील रंजीत कुमार ने तर्क दिया कि दिल्ली की तरफ यूपी की ओर से हवा नहीं जा रही है। ये दूषित हवाएं पाकिस्तान से आ रही हैं।

क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स
वायु प्रदूषण का मतलब हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसों व धूलकणों के विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक होना है। वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में बदलकर एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया जाता है। इससे पता चलता है कि हवा कितनी शुद्ध या खराब है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के छह कैटेगरी हैं।

  • अच्छा (0–50)- इसका मतलब है कि हवा साफ है। इससे सेहत पर खराब असर नहीं पड़ेगा। 
  • संतोषजनक (51–100)- संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली दिक्कत हो सकती है।
  • मध्यम प्रदूषित (101–200)- अस्थमा जैसे फेफड़े की बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो सकती है। 
  • खराब (201–300)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।
  • बहुत खराब (301–400)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में प्रभाव अधिक स्पष्ट हो सकता है।
  • गंभीर रूप से खराब  (401-500) - स्वस्थ लोगों में भी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। हल्की शारीरिक गतिविधि के दौरान भी कठिनाइयों का अनुभव हो सकता है।

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