सार
मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। उधर, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने कृषि कानूनों के विरोध में पूर्व भाजपा मंत्री के घर गोबर फेंकने वाले आंदोलनकारियों के खिलाफ लगाई गई धारा 307 (हत्या का प्रयास) को वापस ले लिया है।
चंडीगढ़ . पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। अमरिंदर सिंह ने कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि हम इनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
अमरिंदर सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री खुद किसानों के आंदोलन को देखें। अगर किसान चाहते हैं कि कृषि कानून रद्द हों तो रद्द किए जाएं। अगर नया कानून लाना है तो किसानों के साथ बैठकर बनाया जाए। सब कह रहे हैं कि इन कानूनों को रद्द किया जाए, तो उन्हें रद्द किया जाना चाहिए।
किसान आंदोलनकारियों से केस लिया वापस
अमरिंदर सिंह सरकार ने कृषि कानूनों के विरोध में पूर्व भाजपा मंत्री के घर गोबर फेंकने वाले आंदोलनकारियों के खिलाफ लगाई गई धारा 307 (हत्या का प्रयास) को वापस ले लिया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यालय की तरफ से बुधवार को बताया गया कि सीएम ने एसएचओ का भी तबादला कर दिया, जिसने हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था। इस मामले में एसआईटी की ओर से जांच चल रही है। इसके अलावा आंदोलनकारियों पर लगी धारा 307 को भी वापस ले लिया गया।
41 दिन से जारी हैं विरोध प्रदर्शन
केंद्र सरकार सितंबर में कृषि सुधारों की दिशा में तीन कानून पारित कराए गए थे। ये कृषि किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 हैं। इन कानूनों के विरोध में किसान पिछले 41 दिन से आंदोलन कर रहे हैं।
इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार और किसान के बीच 8 दौरों की बातचीत हो चुकी है। लेकिन अभी इससे कोई हल नहीं निकल पाया है। किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। इसके अलावा एमएसपी पर कानूनी गारंटी मिले।