सार
Asaram Bapu granted bail: विवादों में रहे संत आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। मेडिकल ग्राउंड पर आसाराम बापू को जमानत पर रिहा किया जा रहा है। एक सप्ताह पहले ही वह जोधपुर जेल में वापस लौटे हैं। स्वास्थ्य कारणों से वह 17 दिनों की पैरोल पर बाहर थे। आश्रम की एक किशोरी से रेप के केस में उनको 2013 में अरेस्ट किया गया था।
किन शर्तों के साथ मिली आसाराम बापू को अंतरिम राहत
जस्टिस एमएम सुंदरेश और राजेश बिंदल की बेंच ने आसाराम बापू को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि रिहा होने के बाद वे अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकते। एपेक्स कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से यह भी कहा कि वे आसाराम बापू को केवल अस्पताल ले जाएं और यह निर्देश न दें कि वे इलाज के लिए कहां जा सकते हैं।
कुछ दिनों पहले ही जोधपुर एम्स में कराया गया था भर्ती
आसाराम बापू के जमानत की मांग करते हुए उनके वकील ने गंभीर बीमारियों के बारे में कोर्ट को जानकारी दी। आसाराम बापू पहली जनवरी को 17 दिनों की पैरोल (15 दिन की पैरोल और 2 दिन यात्रा के लिए) खत्म होने के बाद जेल वापस गए थे। बीते साल उनका इलाज पुणे के एक हास्पिटल में कराया गया था। जबकि हार्ट संबंधी बीमारी सामने आने के बाद उनको जोधपुर एम्स में भर्ती कराया गया था।
आसाराम बापू पर रेप का कैसा केस?
83 वर्षीय आसाराम बापू उर्फ असुमल सिरुमलानी हरपलानी को 2013 में जोधपुर में अपने आश्रम में एक किशोरी से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह तभी से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। अप्रैल 2018 में जोधपुर कोर्ट ने आसाराम बापू को आश्रम में नाबालिग से बलात्कार करने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उसी मामले में आसाराम बापू के दो अन्य अनुयायिकों को 20 साल की जेल की सजा सुनाई थी। जनवरी 2023 में उन्हें 2013 में आश्रम में सूरत की एक महिला से बलात्कार करने का भी दोषी ठहराया गया था।
ट्रायल कोर्ट की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल आसाराम द्वारा दायर याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा था। बापू की याचिका में आजीवन कारावास की सजा को सस्पेंड रखने की मांग की गई थी। गुजरात हाईकोर्ट ने पिछले साल अगस्त 2024 में गांधीनगर की एक अदालत द्वारा 2023 में मामले में आजीवन कारावास को निलंबित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने साफ कहा था कि राहत देना संभव नहीं है।
यह भी पढ़ें:
Explained: क्यों नेपाल-तिब्बत सीमा क्षेत्र में आया भूकंप, हिमालय से क्या है नाता